8th Pay Commission Update

8th Pay Commission Update : सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! 8वां वेतन आयोग जल्द, फिटमेंट फैक्टर 3.0 से सैलरी में आएगा तूफानी उछाल? जानें पूरी गणित

8th Pay Commission Update : देशभर के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी और अच्छी खबर चर्चा में है! केंद्र सरकार जल्द ही कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लागू करने की तैयारी में है। जैसे ही यह नया वेतन आयोग लागू होगा, कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद है। सबसे खास बात यह है कि इस बार सरकार कर्मचारियों को बेहतर ‘फिटमेंट फैक्टर’ का तोहफा दे सकती है, जिससे सैलरी में वास्तविक और बड़ी बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा।

आइए जानते हैं कि यह फिटमेंट फैक्टर क्या बला है और अगर यह 3.0 होता है, तो आपकी सैलरी कितनी बढ़ सकती है।

कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?

मोदी सरकार ने पिछला यानी 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू किया था। आमतौर पर हर 10 साल में नया वेतन आयोग आता है, इस हिसाब से 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में पूरा हो रहा है। उम्मीद है कि 1 जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू कर दिया जाएगा। हालांकि सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग के चेयरमैन या सदस्यों के नामों का ऐलान नहीं किया है, लेकिन इसे लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है।

क्या है फिटमेंट फैक्टर का जादू?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) क्या होगा? फिटमेंट फैक्टर दरअसल एक ‘मल्टीप्लायर’ (गुणक) होता है। इसी फैक्टर से कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई बेसिक सैलरी तय की जाती है। यह फैक्टर तय करते समय महंगाई भत्ते (DA) और देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखा जाता है। इसका मुख्य मकसद सभी कर्मचारियों की सैलरी में एक समान और न्यायसंगत तरीके से बढ़ोतरी करना होता है।

पुरानी परंपरा: DA होगा बेसिक सैलरी में मर्ज!

पिछले कई वेतन आयोगों का ट्रेंड देखें तो एक बात साफ है – नया वेतन आयोग लागू करने से पहले, उस समय तक मिल रहे महंगाई भत्ते (DA) को कर्मचारी की बेसिक सैलरी में जोड़ (Merge) दिया जाता है। फिर इस कुल रकम (बेसिक + डीए) के आधार पर फिटमेंट फैक्टर लगाकर नई बेसिक सैलरी तय की जाती है।

उदाहरण से समझें पूरा खेल (7वें वेतन आयोग का)

  • जब 2016 में 7वां वेतन आयोग लागू हुआ, तब कर्मचारियों को करीब 125% डीए मिल रहा था।

  • मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹10,000 थी।

  • उसका 125% डीए हुआ ₹12,500।

  • डीए को बेसिक में मर्ज करने पर कुल रकम हुई: ₹10,000 + ₹12,500 = ₹22,500।

  • 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया।

  • तो नई बेसिक सैलरी हुई (लगभग): ₹10,000 * 2.57 = ₹25,700।
    (नोट: फॉर्मूला थोड़ा जटिल है, लेकिन मूल रूप से पुरानी बेसिक को फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके नई बेसिक निकाली गई, जिसमें डीए का समायोजन शामिल था)

पिछले वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर:

  • 5वां वेतन आयोग (1996): फिटमेंट फैक्टर 1.86 (डीए करीब 74%)

  • 6वां वेतन आयोग (2006): फिटमेंट फैक्टर 1.86 (डीए करीब 115%, ग्रेड पे भी लागू हुआ)

  • 7वां वेतन आयोग (2016): फिटमेंट फैक्टर 2.57 (डीए करीब 125%)

8वें वेतन आयोग में कितना होगा फिटमेंट फैक्टर? (3.0 की उम्मीद क्यों?)

इसी पैटर्न को देखते हुए पूरी संभावना है कि 8वें वेतन आयोग में भी पहले डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा और फिर एक नए फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी तय होगी।

फिलहाल महंगाई दर में थोड़ी स्थिरता दिख रही है, लेकिन कर्मचारी संगठनों की मांग है कि वास्तविक वेतन वृद्धि का लाभ देने के लिए इस बार फिटमेंट फैक्टर कम से कम 3.0 या उससे अधिक रखा जाए। अगर फिटमेंट फैक्टर 3.0 होता है, तो इसका मतलब होगा कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (डीए मर्ज होने के बाद के आधार पर) में मौजूदा स्तर से काफी अच्छी बढ़ोतरी होगी।

कर्मचारियों की उम्मीदें

8वां वेतन आयोग करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी उम्मीदें लेकर आ रहा है। अगर सरकार पुरानी परंपरा को निभाते हुए डीए को बेसिक में मर्ज करती है और कर्मचारी संघों की मांग के अनुसार एक अच्छा फिटमेंट फैक्टर (जैसे 3.0 या अधिक) लागू करती है, तो यह कर्मचारियों की सैलरी में एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक बदलाव लाएगा। अब सबकी निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं!