मीडिया– आज कल सोशल मीडिया पर मीडिया इंडस्ट्री के कई आलोचक मिल जाएंगे। कई लोग यह दावा करते भी दिख जाते है कि मीडिया इंडस्ट्री में ज्ञान से अधिक रिफरेंस का महत्व है। लेकिन किसी भी चीज का सिर्फ एक पहलू दिखाना गलत ही माना जाएगा।
जिस प्रकार एक व्यक्ति पूर्ण रूप से सही नही हो सकता। जिस प्रकार प्रकाश को अंधकार मिटा नही सकता। ठीक उसी प्रकार ज्ञान को रिफरेंस दबा नही सकता। यह बात सत्य है कि मीडिया इंडस्ट्री में कही न कही जुगाड़ का बोल बाला है। लेकिन रिफरेन्स से भेजा गया व्यक्ति भी इंडस्ट्री में अपने पैर तभी पसार सकता है जब उसके पास उचित ज्ञान हो।
मीडिया में ज्ञान और रिफरेंस-
यदि हम मीडिया इंडस्ट्री की बात करते है। तो हमारा मस्तिष्क सबसे पहले रिफरेंस पर आकर टिकता है। हमे यह अनुभूति होने लगती है। कि इंडस्ट्री में हमारा कोई गॉड फादर नही है तो हमे इंडस्ट्री में जाने की अनुमति नही है। हम अलग अलग सोशल मीडिया के माध्यम से मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े लोगो से सम्पर्क बनाने लगते हैं। उनसे बार बार नौकरी के लिए मदद मांगते हैं।
लेकिन वास्तव में रिफरेंस से अधिक आज भी ज्ञान का महत्व है। हर संस्थान अपने यहां एक बेहतर व्यक्ति को देखना चाहता है। हर संस्थान की यह अभिलाषा होती है कि वह एक निपुण व्यक्ति को मौका दे। कई बार हमारे पास ज्ञान होता है लेकिन हम हार मान लेते हैं। कुछ समय बाद प्रयास करना भी छोड़ देते हैं।
लेकिन यदि आप अपने ज्ञान पर रिफरेंस से अधिक विश्वास कर लेते हैं। तो यकीन मानिए आपको कोई नही हरा सकता। आप अपनी काबिलियत के बलबूते पर मीडिया इंडस्ट्री में खुद को जमाने मे सफल हो जाएंगे।
सलाह-
यह सलाह उन बच्चो के लिए है। जो पत्रकारिता की पढ़ाई करते हैं और पढाई पूरी होने के बाद मीडिया संस्थानों को गालियां देना आरम्भ कर देते हैं। छात्रों को संस्थान के रहकर कुछ बेहतर सीखना चाहिए। अपनी सीवी को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए। खुद की कला को पहचानना चाहिए और मुद्दों को समझने की कोशिश करनी चाहिए।
क्योंकि अगर आप इन सब कामो में खुद को निपुण कर लेते है ओर एक विशेष भाषा पर कमांड प्राप्त करते हैं। तो आपकी काबिलियत के आगे रिफरेंस का रंग फीका पड़ जाएगा।