डेस्क। Sawan Maas Shivratri 2023। हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव की आराधना के लिए कई व्रत व धार्मिक त्योहार भी मनाए जाते हैं। इसमें सावन माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि पर्व का भी बहुत विशेष महत्व है।
हर माह की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है साथ ही पंडित दीपेश मलतारे के मुताबिक सावन मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व भी होता है क्योंकि सावन मास भगवान भोलेनाथ का सबसे पसंदीदा माह होता है और इस दिन लोग कांवड़ में जल भरकर शिवलिंग पर अर्पित करते हैं ताकि उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी भी हो पाएं।
सावन शिवरात्रि की पूजा का विशेष मुहूर्त (Sawan Shivratri Puja Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। सावन माह में पड़ने वाली पहली मासिक शिवरात्रि 15 जुलाई, शनिवार को है। और सावन मास की चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई को रात 08.32 मिनट पर शुरू भी हो जाएगा और इस तिथि का समापन 16 जुलाई को रात 10.08 मिनट पर होने वाला है।
सावन शिवरात्रि पर बनेंगे दो शुभ योग (Shivratri Shubh Yog)
सावन शिवरात्रि पर इस बार दो शुभ योग निर्मित होने जा रहे हैं। पहला शुभ योग वृद्धि योग होगा, जिसकी शुरुआत 14 जुलाई को सुबह 08.28 मिनट पर होगी और इसका समापन 15 जुलाई को सुबह 08.22 मिनट पर हो जाएगा। इसके अलावा जो दूसरा शुभ योग है, उसकी शुरुआत 15 जुलाई को सुबह 08.22 मिनट पर शुरू होगी, जिसका नाम ध्रुव योग होता है। ध्रुव योग का समापन 16 जुलाई को सुबह 8.33 मिनट पर होने वाला है। ये दोनों ही शुभ योग मृगशिरा नक्षत्र भी बनने जा रहे हैं।
सावन शिवरात्रि का धार्मिक महत्व (Sawan Shivratri Significance)
पौराणिक मान्यता है कि सावन मास की शिवरात्रि का व्रत पूरे विधि-विधान के साथ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत को करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है और विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर होती है।
सावन शिवरात्रि पर करें ये उपाय (Shivratri 2023 Upay)
– धन की प्राप्ति के लिए दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक जरूर से करें।
– संतान प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर घी अर्पित करने के बाद जलधारा अर्पित करें। इससे संतान संबंधित मनोकामना जल्द पूरी भी होती है।
– शिवलिंग पर 108 बेलपत्र अर्पित करने से काम में आ रही बाधाएं भी दूर होती है।