डेस्क। सावन का पवित्र माह शुरू हो गया है। इस साल पूरे दो मास का श्रावण मास होगा। ऐसे में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह के संकटों से निजात मिल जाती है। शिवलिंग की पूजा के दौरान जलाभिषेक, दुधाभिषेक, बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाना काफी शुभ भी माना जाता है।
शिव जी को बेलपत्र अति प्रिय है। मान्यता यह है कि शिव जी को मात्र एक बेलपत्र श्रद्धापूर्वक चढ़ाई जाए, तो वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी देते हैं। शिवपुराण के भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने के कई नियम बताए गए हैं। इन्हीं नियमों में यह बताया गया है कि आखिर किस दिन नहीं तोड़ना चाहिए बेलपत्र।
सोमवार के दिन न तोड़ें बेलपत्र
शिवपुराण के अनुसार, बेलपत्र चढ़ाते समय कुछ नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, बेलपत्र सोमवार के दिन बिल्कुल भी नहीं तोड़ना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन बेलपत्र तोड़ने से वह रुष्ट हो सकते हैं, इसलिए एक दिन पहले यानी रविवार के दिन आप बेलपत्र तोड़कर रख सकते हैं।
सोमवार के अलावा इस दिन भी न तोड़े बेलपत्र
शिवपुराण के अनुसार, सोमवार के अलावा हर मास की चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि के अलावा संक्रांति तिथियों के दिन भी बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए और इन दिनों बेलपत्र तोड़ने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं और घर में परेशानियां भी आने लगती हैं।
इस दिन बेलपत्र के पौधे की पूजा करना शुभ
स्कंद पुराण के अनुसार, रविवार और द्वादशी के दिन बेलपत्र के पेड़ का पूजन करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता ये है कि इस दिनों में पूजा करने से घर की दरिद्रता समाप्त हो जाती है वहीं इसके साथ ही ब्रह्महत्या जैसे महापाप भी नष्ट हो जाते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
6 माह तक बासी नहीं होती बेलपत्र
शिवपुराण के अनुसार, बेलपत्र तोड़ने के करीब 6 माह तक बासी नहीं होती है और इसे आप अपनी श्रद्धा के साथ भोलेनाथ को चढ़ा सकते हैं।
बेलपत्र नहीं है, तो करें ये काम
अगर आप शिव मंदिर गए हैं और आपके पास बेलपत्र नहीं है, तो आप मंदिर से ही दूसरों के चढ़ाए हुए बेलपत्र को उठाकर धो लें और फिर इसे भगवान शिव पर चढ़ा दें इसको भी फलदायी माना जाता है।