राजस्थान– साल 2023 में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने को हैं। सभी राजनीतिक दलों ने जमीनी स्तर पर खुद को स्थापित करने की कवायद शुरू कर दी है। एक तरफ सत्ताधारी दल कांग्रेस लगातार यह दावा कर रही है कि राजस्थान में वह सत्ता वापसी करेगी। वही अगर हम बीजेपी की बात करे तो यह कांग्रेस को ध्वस्त करने का हर सम्भव प्रयास कर रही है। बीजेपी लगातार जमीनी स्तर पर राजस्थान की जनता से सम्पर्क साध रही है और कांग्रेस को घेरे में ले रही है।
जहां राजस्थान के बीजेपी और कांग्रेस के मध्य काटे की टक्कर देंखने को मिल सकती है। वही अगर हम बात आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम की करे तो यह दोनो दल इस बार राजस्थान में अपनी किस्मत आजमाने को तैयार है। आम आदमी पार्टी जो की खुद को बीजेपी के लिए चुनौती बताती है उसका दावा है कि अगर वह राजस्थान में जाती है तो सबसे अधिक उसकी एंट्री का नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ेगा। क्योंकि जनता अब आम आदमी पार्टी को बीजेपी का विकल्प देख रही है।
वही अगर हम बात एआईएमआईएम प्रमुख असुद्दीन ओवैसी की करे तो यह बीते कई दिनों से राजस्थान के मुद्दों को उठाकर सरकार को घेर रहे हैं। यह यहां भी अपना मुस्लिम कार्ड खेलना चाहते हैं। ओवैसी को लगता है वह अगर मुस्लिम हितैषी बनकर मैदान में उतरेंगे तो उन्हें जनता का समर्थन प्राप्त होगा और वह कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक को अपने खेमे में कर लेंगे। ओवैसी की नीतियों से साफ है कि वह यहां भी गुजरात वाला दाव चलने की फिराक में है। उनका एक मात्र उद्देश्य कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक को अपने खेमे में करना है।
अगर हम आप और ओवैसी की नीतियों को एक साथ देखे तो इन दोनों का उद्देश्य बीजेपी को खत्म करना और राजस्थान की सत्ता से कांग्रेस को हटाना है। लेकिन इनके इरादे कितने सफल होंगे यह आगामी वक्त ही बताएगा। क्योंकि राजस्थान के लोग किसी भी नए दल को इतनी जल्दी स्वीकार नही करना चाहते और न उनकी यह नीति है कि वह किसी को भी अपने प्रदेश की बागडोर ऐसे ही थमा दें।