क्या इमरान खान की जेल में हत्या हो गई? अफवाहों से पाकिस्तान में हड़कंप, सच्चाई क्या है?

क्या इमरान खान की जेल में हत्या हो गई? अफवाहों से पाकिस्तान में हड़कंप, सच्चाई क्या है?

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर सोशल मीडिया पर एक सनसनीखेज खबर तेजी से फैल रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि उन्हें जेल के अंदर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI द्वारा मार दिया गया है। इन अफवाहों ने पाकिस्तान समेत दुनिया भर में उनके समर्थकों और आम लोगों के बीच चिंता और हड़कंप मचा दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, खासकर X (पहले ट्विटर), पर “इमरान खान की हत्या” और “#ImranKhanMurdered” जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

इन दावों के वायरल होते ही पाकिस्तान में माहौल गरमा गया। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इमरान खान को जेल में धीमा जहर दिया जा रहा था या उनकी रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई है। इन खबरों ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं और उनके चाहने वालों को सकते में डाल दिया।

हालांकि, इन विस्फोटक अफवाहों के बीच, पाकिस्तान के मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों ने इन दावों का खंडन किया है। प्रमुख पाकिस्तानी समाचार चैनलों और पोर्टलों ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि इमरान खान जेल में पूरी तरह से “सुरक्षित और स्वस्थ” (safe and sound) हैं। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, ये खबरें बेबुनियाद हैं और इन्हें इमरान खान के राजनीतिक विरोधियों या अराजकता फैलाने वाले तत्वों द्वारा जानबूझकर फैलाया जा रहा है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इमरान खान इस समय अटक जेल में बंद हैं और भ्रष्टाचार समेत कई मामलों का सामना कर रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही पाकिस्तान में राजनीतिक तनाव काफी बढ़ गया है। यह पहली बार नहीं है जब इमरान खान की सुरक्षा को लेकर इस तरह की अफवाहें उड़ी हों।

फिलहाल, इमरान खान की हत्या की खबर सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस का मुद्दा बनी हुई है, जहाँ एक तरफ उनके समर्थक उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी मीडिया इसे महज एक अफवाह बताकर शांत करने की कोशिश कर रहा है। आधिकारिक तौर पर सरकार या ISI की तरफ से इन अफवाहों पर कोई विस्तृत बयान तुरंत जारी नहीं किया गया था, जिससे भ्रम की स्थिति और गहरा गई। इस घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान की मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता और सूचनाओं के प्रवाह को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।