देश– रेप के दोषी को लेकर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने टिप्पणी की है। इस टिप्पणी में उन्होंने रेप के आरोपी की सजा को कम किया है। जिसके बाद कोर्ट के निर्णय पर तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं।
कोर्ट ने कहा, रेप के आरोपी ने 4 साल की मासूम के साथ बलात्कार किया और उसे जिंदा छोड़ दिया। यह उसकी दयालुता थी। इसलिए कोर्ट उसकी सजा कम कर रहा है। कोर्ट ने आरोपी की सजा उम्रकैद से कम करके 20 साल कर दी है।
बताते चले रेप के आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2) (एफ) के तहत केस दर्ज किया गया था। उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। जिसके लिए आरोपी ने हाई कोर्ट में एक अपील याचिका दायर की थी। जिस पर अपना मत रखते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में, इस कोर्ट को ट्रायल कोर्ट में पेश किए गए सबूत और दोषी के राक्षसी कृत्य पर सुनाए गए जजमेंट में कोई खामी नहीं दिख रही है।
कोर्ट ने कहा कि बच्ची के साथ यह कृत्य किया है, जो एक महिला के गरिमा के खिलाफ है. बच्ची के साथ ऐसे क्राइम के मामले की सुनवाई को ये कोर्ट उपयुक्त मामला नहीं मानता है।
न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर और न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार की पीठ ने कहा कि रेप के बाद दोषी ने बच्ची को जिंदा छोड़ दिया, क्योंकि वह दयालु था।
इस वजह से आजीवन कारावास की उसकी सजा को कम किया जा सकता है. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि उसे 20 साल की सजा काटनी होगी।