Hindi diwas – दिन प्रतिदिन हिंदी का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। आज हिंदी की लोकप्रियता सिर्फ भारत मे ही नही बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बढ़ रही है। अलग अलग संस्थाओं में हिंदी एक विशेष विषय के रूप में पढ़ाई जा रही है। वही अगर हम बात सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं की करे तो अंग्रेजी और मंदारिन के बाद हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
साल 1900 से लेकर अब तक हिंदी भाषा बोले जाने और पढ़े जाने की रफ्तार तीव्र गति से बढ़ी है। इस दौरान हिंदी के उपयोग में 175.52 फीसदी की रफ्तार से बढ़ोतरी हुई है। यह अंग्रेजी की 380.71 फीसदी के बाद सबसे तेज है। साल 1900 में हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में चौथे नम्बर पर थी। लेकिन हिंदी के वर्चस्व में लगातार बढ़ोतरी होती रही और आज हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा में तीसरे स्थान पर पहुंच गई है।
पहले हिंदी बोलने वालों की संख्या 42.7 करोड़ थी लेकिन अब यह संख्या 64.6 करोड़ पहुंच गई। यह संख्या उन 53 करोड़ लोगों के अतिरिक्त है, जिनकी मातृभाषा हिंदी है। अब अगर हम इस आंकड़े से समझे तो देश मे 53 करोड़ लोग ऐसे हिंदी बोलते हैं। जिनकी मातृ भाषा हिंदी है। लेकिन इन 53 करोड़ लोगों के बाद 13.9 करोड़ यानी 11% से अधिक की यह दूसरी भाषा है। 55% भारतीयों की मातृभाषा या दूसरी भाषा हिंदी है। दुनिया में 64.6 करोड़ हिंदी भाषी हैं।
आज हिंदी का विस्तार इतना तेजी से बढ़ रहा है कि भारत मे सबसे अधिक अखबार हिंदी भाषा मे पढ़े जाते हैं। हिंदी की पहुंच हर जगह है। आज इंटरनेट पर अगर सबसे ज्यादा किसी भाषा का इस्तेमाल हो रहा है तो वह हिंदी में है। विदेशी कम्पनियों को अब भारत में अपने आप को स्थापित करने के लिये हिंदी का सहारा लेने पड़ता है। आज हिंदी भारत मे सिर्फ एक भाषा नही अपितु ब्रांड एंबेसडर बन गई है।