डेस्क। मुंबई की एक विशेष पोक्सो अदालत ने हाल ही के एक आदेश में नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में एक व्यक्ति को 1.5 साल जेल की सजा सुनाई है और यह कहा कि लड़की को “आइटम” के रूप में संबोधित करना केवल उसे यौन इरादे से ऑब्जेक्टिफाई करने के लिए होता है। लड़की के पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति पर ये आरोप लगा था कि 2015 में जब पीड़िता 16 साल की थी, तब वह उसे स्कूल जाने के दौरान छेड़ करता था।
वहीं 14 जुलाई 2015 को जब पीड़िता स्कूल से लौट रही थी तो आरोपी ने उसे रोका और उससे पूछा, “क्या आइटम किधर जा रही हो? जब लड़की ने उसे ऐसा करने से मना किया उस शख्स ने उसे गाली देना शुरू कर दिया और उसके बाल भी खींच लिए। इसके बाद लड़की ने पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 पर कॉल करके मदद भी मांगी।
पुलिस मौके पर पहुंची पर आरोपी वहां से भाग निकला था। लड़की ने घर जाकर अपने पिता को इस घटना के बारे में बताया जिसके बाद शहर के पश्चिमी उपनगर के पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई गई।
इसके साथ हीआरोपी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (यौन उत्पीड़न), धारा 354 (डी) (पीछा करना) 506 (आपराधिक धमकी), और धारा 504 (जानबूझकर अपमान) और बच्चों के संरक्षण के प्रासंगिक आरोपों के तहत मामला भी दर्ज किया गया था। जहां एक ओर अदालत ने आरोपी को अन्य आरोपों से बरी कर दिया लेकिन उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 354 और पॉक्सो एक्ट के आरोप में सबूत भी मिले।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि “आरोपी ने “आइटम” शब्द का उपयोग करके लड़की को संबोधित किया था जो आमतौर पर लड़कों द्वारा अपमानजनक तरीके से लड़कियों को संबोधित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द होता है क्योंकि यह उन्हें यौन तरीके से ऑब्जेक्ट भी करता है, लड़की को आइटम कहकर बुलाना किसी यौन शोषण से कम नहीं है, वहीं स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने 25 साल के बिजनसमैन को डेढ़ साल जेल की सजा दी और अदालत ने कहा कि आरोपी पर नरमी नहीं दिखाई जा सकती क्योंकि यह मामला सड़क पर एक नाबालिग लड़की के उत्पीड़न से जुड़ा हुआ है।
लड़की को आइटम कहकर बुलाना किसी यौन शोषण से कम नहीं है। 16 साल की किशोरी पर अश्लील कमेंट करने पर आरोपी को पॉक्सो ऐक्ट के तहत दोषी भी करार दिया गया। इसके आलावा घटना 2015 की है जब पीड़िता अपने स्कूल से घर लौट रही होती है।