देश– केंद्र सरकार के कई फैसले ऐसे हैं जिनके पक्ष में ज्यादातर लोग नही रहते हैं। कई बार केंद्र के फैसलों को सुप्रीम को में चुनौती दी जाती है। वही केंद्र के नोटबन्दी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए अब सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 12 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। नोटबन्दी के विरोध में दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले ने संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की वह यह परीक्षण करेगा की सरकार का यह फैसला सही है या नहीं और इसपर विचार करना चाहिए कि नहीं।
सरकार के इस फैसले के विरुद्ध सुनवाई न्यायाधीश अब्दुल नज़ीर की अध्यक्षता वाली बेंच में होगी।न्यायाधीश बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामासुब्रमण्यम और बीवी नाागरत्ना भी इस बेंच का हिस्सा हैं।
जानकारी के लिए बता दें आठ नवंबर, 2016 को केंद्र सरकार ने नोटबंदी के फ़ैसले की घोषणा करते हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद देश को काफी समस्याओं से जूझना पड़ा था।
जब नोटबन्दी की गई थी तब मोदी सरकार ने यह दावा किया था की इससे काला धन वापस आ जायेगा और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। लेकिन हकीकत सभी को मालूम है आज भी देश भ्रष्टाचार की गिरफ्त में है। लेकिन सरकार के इस फैसले से आम अदामी को काफी समस्यों का सामना करना पड़ा था।