RBI – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के लाखों छोटे कर्जदारों और आम जनता को बड़ी राहत देते हुए गोल्ड लोन (Gold Loan) के नियमों में एक बेहद महत्वपूर्ण बदलाव किया है। यह कदम उन लोगों के लिए सोने पर लोन लेना और भी आसान और फ़ायदेमंद बना देगा जिन्हें छोटी-मोटी ज़रूरतों या अपने छोटे कारोबार के लिए तुरंत पैसों की आवश्यकता होती है।
नए नियमों के तहत, अब आप 2.5 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन पर अपनी सोने की ज्वैलरी या बिस्कुट के मूल्य का 75% नहीं, बल्कि 85% तक लोन ले सकेंगे! यह बदलाव सीधे तौर पर आपकी जेब पर असर डालेगा, क्योंकि अब आप उतने ही सोने पर पहले से कहीं ज़्यादा कैश हासिल कर पाएंगे। आरबीआई (RBI) का यह ऐतिहासिक फैसला 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा, इसलिए आपके पास इस नए नियम का फायदा उठाने के लिए पर्याप्त समय है।
इस फैसले की घोषणा करते हुए, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor Sanjay Malhotra) ने संवाददाताओं से कहा था कि केंद्रीय बैंक ने 2.5 लाख रुपये से कम के छोटे गोल्ड लोन (Small Gold Loan) के लिए लोन-टू-वैल्यू (LTV) अनुपात को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि इस बढ़े हुए एलटीवी अनुपात (LTV Ratio) में ब्याज घटक को भी शामिल किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो में बढ़ोतरी का आपके लिए क्या मतलब है?
सीधे शब्दों में कहें तो इसका मतलब है कि अब आपको अपने सोने पर पहले से कहीं ज़्यादा पैसा मिलेगा! इसे एक उदाहरण से समझते हैं: अगर आपके पास 1 लाख रुपये का सोना है जिसे आप गिरवी रखकर लोन लेना चाहते हैं, तो पहले के नियमों के तहत आपको ज़्यादा से ज़्यादा 75,000 रुपये तक का लोन मिल पाता था। लेकिन अब, आरबीआई के इस नए नियम के लागू होने के बाद (1 अप्रैल, 2026 से), आप उसी 1 लाख रुपये के सोने पर 85,000 रुपये तक का लोन ले सकेंगे! यह 10,000 रुपये की अतिरिक्त राशि छोटे कर्जदारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
यह बदलाव विशेष रूप से छोटे कारोबारियों, दुकानदारों और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए बेहद फ़ायदेमंद साबित होगा। अक्सर उन्हें अचानक आए खर्चों, बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल इमरजेंसी या अपने छोटे व्यवसाय में तत्काल पूंजी की ज़रूरत पड़ती है। ऐसे समय में, अपने घर में रखे सोने का उपयोग करके ज़्यादा रकम हासिल करना उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकता है और उन्हें मुश्किलों से निकलने में मदद कर सकता है।
लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो क्या है?
लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो एक पैमाना है जो यह तय करता है कि आप अपनी गिरवी रखी गई संपत्ति (जैसे सोना) के बाज़ार मूल्य के मुकाबले कितने प्रतिशत तक लोन ले सकते हैं। आरबीआई (RBI New Guideline) इस रेशियो को नियंत्रित करता है ताकि लोन देने वाली संस्थाओं और कर्जदारों दोनों के हितों की रक्षा हो सके। पहले, गोल्ड लोन पर यह LTV आम तौर पर 75% था। लेकिन अब, 2.5 लाख रुपये से कम के लोन के लिए इसे बढ़ाकर 85% कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर आपके पास 1 लाख रुपये का सोना है और आपका लोन 2.5 लाख रुपये से कम है, तो आप सोने के मूल्य के 85% तक, यानी 85,000 रुपये तक का लोन ले सकेंगे।
गोल्ड लोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी तेज़ और आसान प्रक्रिया है। बैंकों और NBFCs (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) में यह प्रक्रिया आमतौर पर बहुत जल्दी पूरी हो जाती है। इसलिए, अगर आपको अचानक पैसों की सख्त ज़रूरत पड़ जाए और आपके पास सोना उपलब्ध हो, तो आप बिना ज़्यादा कागजी कार्रवाई के उसे गिरवी रखकर तुरंत कैश प्राप्त कर सकते हैं। मुश्किल आर्थिक समय में, सोने को हमेशा से एक सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश के साथ-साथ ‘मुसीबत का साथी’ माना जाता रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के इस महत्वपूर्ण ऐलान के बाद, शेयर मार्केट में गोल्ड लोन (Gold Loan) देने वाली प्रमुख कंपनियों (Gold Loan Companies) के शेयरों में भी काफी हलचल देखी गई। निवेशकों ने इस फैसले को इन कंपनियों के लिए एक सकारात्मक कदम माना, क्योंकि LTV बढ़ने से गोल्ड लोन मार्केट में वॉल्यूम बढ़ने की उम्मीद है, जिससे उनकी कमाई में भी वृद्धि हो सकती है।
यह नियम न केवल छोटे कर्जदारों को सशक्त करेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में नकदी के प्रवाह को भी बढ़ाएगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां छोटे व्यवसाय और व्यक्तिगत ज़रूरतों के लिए तुरंत फाइनेंस की आवश्यकता होती है। कुल मिलाकर, आरबीआई का यह फैसला भारतीय वित्तीय सिस्टम (Indian Financial System) और आम जनता के लिए एक स्वागत योग्य और प्रगतिशील कदम है।