डेस्क। अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADSTL) ने 27 शहरों में सबसे बड़े अखिल भारतीय नेटवर्क की उपस्थिति के साथ भारत के सबसे बड़े इंडिपेंडेंट एयरक्राफ्ट मेंटनेंस मरम्मत और ओवरहाल (MRO) ऑर्गेनाइजेशन एयर वर्क्स ग्रुप (Air works group) को खरीदने की घोषणा की है। इसी के साथ एमआरओ एयर वर्क्स ने अडानी ग्रुप की कंपनी डील के लिए साइन भी किया है, यह डील 400 करोड़ रुपये की है।
कंपनी के स्टेटमेंट की माने तो इसके अनुसार, एयर वर्क भारत में सबसे पुरानी MRO है, जिसके पास छह मेंटिनेंस बेस और 900 से अधिक रखरखाव एक्सपर्ट भी हैं। एमआरओ एक ऐसी चेन है, जो किसी कंपनी को दिन-प्रतिदिन के आधार पर चालू रखे रहती हैं। अडानी ग्रुप ने आगे कहा कि भारतीय वायु सेना के 737 वीवीआईपी विमानों के लैंडिंग गियर पर पहले पी-8आई विमान के चरण 32 की जांच से लेकर चरण 48 की जांच और एमआरओ, एयर वर्क्स एटीआर 42/72, ए320 और बी737 विमानों के बेड़े के लिए आधार देखरेख करता है।
अडानी ग्रुप ने कहा कि वर्तमान में, एयर वर्क्स और बोइंग तीन P-8I लंबी दूरी की समुद्री गश्ती और भारतीय नौसेना (IN) की ओर से संचालित एयर वर्क्स, होसुर में पनडुब्बी रोधी युद्धक विमानों पर भारी रखरखाव जांच में लगे हैं। इसी के साथ Indian MRO मार्केट के तीन गुना ग्रोथ के चांस हैं, जो 1.7 बिलियन डॉलर से 5.0 बिलियन डॉलर 2030 तक होने वाला है।
अडानी डिफेंस और एरोस्पस के सीईओ आशीष राजवंशी ने यह भीं कहा है कि एयर वर्कस की 70 साल से अधिक की विमानन विरासत ने कई भारत-प्रथम और उद्योग-प्रथम परियोजनाओं को सफलतापूर्वक आंवटन भीं दिया गया है। वहीं अदानी ग्रुप की क्षमताओं के साथ इसका ग्रोथ और भी तेज हो जाएगा, जो आत्मनिर्भर भारत में एक बड़ा कदम होगा।