डेस्क। कौन बनेगा करोड़पति? हिंदी टेलीविज़न जगत का सबसे ज्यादा हिट क्विज़ शो है। वहीं अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की मेज़बानी में शो को मिली भर-भर के फ़ॉलोइंग साथ ही सवालों के साथ शो की सबसे रोचक बात ये है कि आदमी जीते हुए पैसों का करता क्या है?
2011 के KBC विनर सुशील कुमार (Sushil Kumar) और उनकी कथित कंगाली सुर्खियों में हैं। वहीं यह ख़बर चली कि सुशील कुमार ने बेतुके निवेश किए और अब वह सड़क पर आ चुके हैं। किसी तरह टीचर की नौकरी के जरिए अब वो गुज़र-बसर कर रहे हैं।
बता दें बिहार के मोतिहारी के सुशील कुमार शो के पहले विजेता थे जिसने पांच करोड़ रुपये जीते वहीं अब ट्विटर पर अक्षत श्रीवास्तव नाम के एक ट्विटर यूज़र ने यह लिखा कि, “सुशील कुमार ने 2011 में KBC में 5 करोड़ रुपए जीते थे और टैक्स कटने के बाद उन्हें मिला होंगे 3.5 करोड़ रुपए। वहीं अगर 6% पर निवेश किया जाता है, तो आज ये 7 करोड़ आराम से हो जाते। दुर्भाग्य से, उन्होंने ख़राब निवेश किए और ज़्यादातर पैसे खो भी दिए हैं क्यों? क्योंकि निवेश करना बहुत कठिन है।”
अक्षत फ़ाइनैंस और ट्रेडिंग से जुड़ीं सला देते हैं। वहीं वह शिक्षक भी हैं और 20 की उम्र से पढ़ा ही रहे हैं। वॉर्टन, स्टैनफ़ोर्ड, यूनिवर्सिटी ऑफ़ लीड्स और बर्कले जैसे बड़े संस्थानों में नियमित वक्ता रहे हैं।
ट्वीट में भी सुशील का उदाहरण देकर निवेश के महत्व पर ही ज्ञान दे रहे हैं वहीं उदाहरण के तथ्य सही नहीं थे, तो गेम उल्टा पड़ गया साथ ही इकॉनमिक्स टाइम्स से जुड़े पत्रकार कुमार अंशुमन ने इस ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा कि ये एक फ़ेक न्यूज़ है और मंज़र कुछ और ही है।
वहीं अंशुमन ने लिखा,”सुशील कुमार ने महंगी गाड़ी नहीं खरीदी न ही वो महंगे कपड़े पहनते हैं। इतना ही नहीं को बड़े शहर में भी नहीं रहते। इसलिए इन्होंने (अक्षत ने) अपने मन से ही सोच लिया कि उनके पास कुछ नहीं है और इनके लिए जिंदगी में नफ़ा-नुक़सान केवल पैसे में ही तोला भी जाता है।”
इसके बाद उन्होंने सुशील कुमार की हालिया ज़िंदगी के बारे में भी बताया और शो जीतने के बाद सुशील सामाजिक कामों में लग गए। चंपारण ज़िले में चंपा के पेड़ लगाए और गौरैया बचाने का अभियान भी चला रहे हैं। इनाम के पैसों से अपना घर बनवाया, भाइयों की मदद की और बाक़ी पैसे बैंक में जमा रखें हैं।
बता दें अपने एक हालिया इंटरव्यू में सुशील ने कहा था कि उनकी स्थिति बहुत अच्छी है और वो एक खुशहाल जीवन जी रहे हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के माने तो सुशील ने कई सामाजिक हित के काम भी किए हैं और इलाक़े में ग़रीब बच्चों के लिए मुफ्त में एक स्कूल संचालित करते हैं।