Jamalpur Bhagalpur Railway : बिहार में रेलवे नेटवर्क को मज़बूत करने की दिशा में भारतीय रेलवे ने एक बड़ा कदम बढ़ाया है। राज्य के दो प्रमुख शहर – जमालपुर और भागलपुर – अब बेहतर रेल कनेक्टिविटी से जुड़ने वाले हैं। इन दोनों शहरों के बीच 53 किलोमीटर लंबी तीसरी रेलवे लाइन बिछाने का काम जल्द शुरू होगा। इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है, और खास बात यह है कि भविष्य में इसी रेलखंड पर चौथी लाइन भी बिछाने की योजना है।
इस नई तीसरी रेलवे लाइन के बनने से इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही ज़्यादा सुगम होगी, ट्रेनों की रफ़्तार बढ़ेगी और यात्रियों की सुविधा में सुधार होगा। इसके अलावा, रेलवे का परिचालन भी ज़्यादा कुशल हो जाएगा, जिससे मुनाफा बढ़ने की उम्मीद है।
53 किलोमीटर की तीसरी लाइन और फिर चौथी भी!
पहले चरण में जमालपुर से भागलपुर तक 53 किलोमीटर की दूरी में यह तीसरी लाइन बनाई जाएगी। रेलवे ने इस काम के लिए सर्वे पूरा कर लिया है। लेकिन रेलवे की योजना सिर्फ तीसरी लाइन तक सीमित नहीं है; इस महत्वपूर्ण रेलखंड पर चौथी लाइन बिछाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। रेलवे इंजीनियरिंग और ट्रैफिक विभाग इस दिशा में काम कर रहा है और चौथी लाइन के लिए डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) जल्द ही पूरी हो जाएगी।
फाटक हटेंगे, बनेंगे ROB और अंडरपास
इस रेलमार्ग पर ट्रेनों की गति धीमी होने का एक बड़ा कारण हैं कई जगहों पर मौजूद संपर्क फाटक (लेवल क्रॉसिंग)। मुंगेर और भागलपुर-जमालपुर-किऊल रेलखंड पर ऐसे करीब 30 संपर्क फाटक हैं। नई लाइन बिछाने के साथ-साथ, इन सभी फाटकों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। इनकी जगह पर रेल ओवर ब्रिज (ROB) और अंडरपास बनाए जाएंगे। इससे ट्रेनें बिना रुके तेज़ गति से चल सकेंगी, यात्रा का समय बचेगा और सुरक्षा भी बढ़ेगी।
₹1094 करोड़ की लागत से बनेगी नई सुरंग भी
इस 53 किलोमीटर के रेलखंड के लिए प्रस्तावित ₹1094 करोड़ की कुल परियोजना लागत में एक और बड़ा निर्माण कार्य शामिल है – एक नई रेलवे सुरंग (टनल)। जमालपुर और रतनपुर के बीच पहले से दो सुरंगें हैं (एक पुरानी और एक नई जो 2022 में बनी)। यह तीसरी सुरंग इन दोनों से अलग और ज़्यादा चौड़ी होगी। इसकी चौड़ाई इतनी होगी कि इसमें दो रेलवे ट्रैक बिछाए जा सकें – यही ट्रैक तीसरी और चौथी लाइन का हिस्सा बनेंगे। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, इस तीसरी सुरंग का निर्माण कार्य अगले छह महीने के भीतर शुरू होने की उम्मीद है।
रेलवे के उप मुख्य अभियंता हेमंत कुमार ने बताया है कि जमालपुर-किऊल के बीच तीसरी लाइन बनाने से पहले सभी फाटकों को हटाने पर काम होगा। चौथी लाइन के लिए भी डीपीआर जल्द तैयार हो जाएगी। यह दर्शाता है कि रेलवे इस क्षेत्र में विकास के लिए गंभीर है।
क्या होंगे फायदे?
इस परियोजना के पूरा होने से कई बड़े लाभ होंगे:
-
यात्रियों को फायदा: ट्रेनों की गति बढ़ने से यात्रा का समय कम होगा और सफर ज़्यादा आरामदायक होगा।
-
परिचालन में सुधार: चार लाइनें होने से ट्रेनों की आवाजाही ज़्यादा सुगम और कुशल होगी, जिससे देरी कम होगी।
-
व्यापार को बढ़ावा: मालगाड़ियों के लिए अलग से जगह मिलने से माल ढुलाई आसान होगी, जो क्षेत्र के आर्थिक विकास में मदद करेगा।
-
बढ़ी हुई क्षमता: यह रेलखंड अधिक ट्रेनों और यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा।
-
सुरक्षा: फाटक हटने और ROB/अंडरपास बनने से रेल दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा।
कुल मिलाकर, जमालपुर-भागलपुर रेलखंड पर यह विकास कार्य बिहार के रेल नेटवर्क को आधुनिक बनाने और इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।