Gold Rate updates : जहां एक ओर पिछले कई दिनों से भारतीय सर्राफा बाजार (Indian Bullion Market) में सोने की कीमतों (Gold Prices) में लगातार नरमी और गिरावट देखने को मिल रही थी, जिससे निवेशकों (Investors) को थोड़ी राहत मिली थी, वहीं अब अचानक सोने के भाव (Sone ke Bhav) ने जोरदार छलांग लगाई है। आज, 15 जून को भी, सर्राफा बाजार खुलते ही सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी (Gold Price Jump) दर्ज की गई है, जिसने बाजार विशेषज्ञों और आम जनता, दोनों को चौंका दिया है।
इस ताजा उछाल के साथ ही, बीते दो दिनों के भीतर सोने (Gold Rate Today) ने एक बार फिर 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर दिया है। यह उन लोगों के लिए चिंता का विषय हो सकता है जो सोना खरीदने की योजना बना रहे थे, जबकि जिन लोगों ने पहले से निवेश किया हुआ है, उनके लिए यह एक अच्छी खबर है। इस खबर में हम विस्तार से जानेंगे कि सोने की कीमतों में यह अचानक तेजी क्यों आई है, पिछले एक हफ्ते में भाव में कितना बदलाव हुआ है, और एक्सपर्ट्स (Gold Experts) का आने वाले दिनों में सोने की चाल (Gold Price Forecast) को लेकर क्या अनुमान है।
एक हफ्ते में कितने बढ़े सोने के भाव? ₹3700 का बड़ा उछाल!
बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोने की कीमतों में आया यह उछाल कोई मामूली नहीं है। जानकर हैरानी होगी कि पिछले सिर्फ एक हफ्ते (Last Week Gold Price) में ही 24 कैरेट गोल्ड (24 Carat Gold Price) की कीमत में ₹3700 प्रति 10 ग्राम की भारी बढ़ोतरी हुई है। इस जोरदार उछाल के बाद, देश की राजधानी दिल्ली (Delhi Gold Price) में 24 कैरेट सोने की कीमत 101830 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई है। यह आंकड़ा बताता है कि सोने ने कितनी तेजी से रिकवरी की है।
इसी तरह, 22 कैरेट सोने का भाव (22 Carat Gold Price) भी इस तेजी से अछूता नहीं रहा है। पिछले एक हफ्ते में ही 22 कैरेट सोने की कीमतों में भी ₹3400 प्रति 10 ग्राम का उछाल आया है। कीमतों में यह अचानक और तेज बढ़ोतरी कई कारणों का परिणाम है।
किन कारणों से महंगा हुआ सोना? भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर रुपया बना वजह
बाजार विश्लेषकों और विशेषज्ञों (Market Analysts) का मानना है कि सोने की कीमतों में आई इस अचानक तेजी के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिनमें वैश्विक कारक (Global Factors) प्रमुख हैं:
- कमजोर होता भारतीय रुपया (Weakening Indian Rupee): एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारतीय रुपये का अमेरिकी डॉलर (USD to INR) के मुकाबले कमजोर होना सोने के भाव में वृद्धि का एक प्रमुख कारण है। चूंकि भारत सोने का एक बड़ा आयातक (Gold Importer) है, जब रुपया कमजोर होता है तो आयातित सोना भारतीय मुद्रा में महंगा हो जाता है, जिसका सीधा असर घरेलू कीमतों (Domestic Gold Prices) पर पड़ता है।
- पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव (Rising Tension in West Asia): इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tension) ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है। जब भी दुनिया के किसी महत्वपूर्ण हिस्से में राजनीतिक या सैन्य तनाव बढ़ता है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश (Safe Haven Investment) की तलाश में सोने की ओर रुख करते हैं। सोना ऐतिहासिक रूप से एक सुरक्षित संपत्ति (Safe Asset) माना जाता रहा है जो आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के समय अपनी वैल्यू बनाए रखता है या बढ़ाता है। मौजूदा तनाव के चलते निवेशक भारी मात्रा में सोने में निवेश (Gold Investment) कर रहे हैं, जिससे इसकी डिमांड बढ़ी है और कीमतों में तेजी आई है।
- वैश्विक तेल आपूर्ति पर चिंताएं (Global Oil Supply Concerns): इजरायल-ईरान तनाव बढ़ने के चलते स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (Strait of Hormuz) जैसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों के जरिए वैश्विक तेल आपूर्ति (Global Oil Supply) में रुकावट पैदा होने की आशंका भी बढ़ी है। तेल की कीमतों में संभावित वृद्धि और आपूर्ति की अनिश्चितता वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय है, और यह अनिश्चितता भी सोने जैसी सुरक्षित संपत्ति की मांग को बढ़ाती है।
इन सभी कारकों का संयुक्त प्रभाव सोने की कीमतों पर दिखाई दे रहा है, जिसने इसे एक बार फिर महंगा बना दिया है।
क्या है गोल्ड को लेकर एक्सपर्ट्स का आउटलुक? कीमतें और बढ़ सकती हैं!
आगे सोने की चाल कैसी रहेगी, इस पर एक्सपर्ट्स की राय जानना निवेशकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इजरायल और ईरान के बीच हालात (Israel Iran Situation) सुधरते नहीं हैं और तनाव बना रहता है, तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का भाव (Gold Rate on MCX) 1.05 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक जाने के पूरे आसार हैं। इन दोनों देशों के बीच जारी यह ‘छाया युद्ध’ (Shadow War) सर्राफा बाजार में भारी अनिश्चितता (Market Uncertainty) बनाए हुए है, और जब तक यह स्थिति बनी रहेगी, सोने के रेट में उतार-चढ़ाव और उछाल देखने को मिल सकता है।
वैश्विक कीमतों (Global Gold Prices) को लेकर भी एक्सपर्ट्स काफी बुलिश (Bullish on Gold) नजर आ रहे हैं। उनका मानना है कि विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों (Central Bank Gold Buying) द्वारा सोने की मजबूत खरीददारी जारी रहने और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (Global Economic Outlook) में बनी अनिश्चितता के चलते, 2025 के आखिर तक सोने का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,700 डॉलर प्रति औंस (Dollar per Ounce) तक जा सकता है। कुछ विशेषज्ञ तो इससे भी आगे का अनुमान लगा रहे हैं और उनका मानना है कि 2026 के मध्य (Mid-2026) तक सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक भी पहुंच सकता है। कुल मिलाकर, एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले 12 महीनों (Next 12 Months Gold Forecast) में सोने के भाव 4,000 डॉलर प्रति औंस तक जाने की प्रबल संभावना है।
यह आउटलुक बताता है कि मौजूदा तेजी शायद सिर्फ एक शुरुआत हो सकती है और आने वाले समय में सोने की कीमतों में और भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, खासकर तब जब तक वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक हालात स्थिर नहीं हो जाते। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे निवेश करने से पहले बाजार का अच्छी तरह अध्ययन करें और किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।