डेस्क। छठ पूजा का महापर्व 28 से 31 अक्टूबर तक मनाया जा रहा है। जिसकी तैयारियां शहर के घाटों पर शुरू हो चुकी हैं। नदी और नहर किनारे बेदियों की सजावट जारी है और घाटों को सुंदर भी बनाया जा रहा है।
शुक्रवार से सुहागिनें नहाय खाय, खरना पूजन, संध्या अर्घ्य और उदय होते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य देकर छठ मइया से संतान की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और परिवार कल्याण का वर प्राप्त करेंगी। वहीं शहर में इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। और गंगा तट और नहरों पर वेदियों को सजाया भी जा रहा है। वहीं गोला घाट, सिद्धनाथ घाट, सीटीआइ नगर, पनकी नहर, अर्मापुर नहर, शास्त्री नगर में सार्वजनिक पूजन भी किया जाएगा।
अपार्टमेंटों में भी कृत्रिम तालाब बनाकर पूजन की तैयारी हो रही है। छठ पूजा को लेकर नगर निगम ने भी तैयारी शुरू की है। बड़ा सेंट्रल पार्क शास्त्रीनगर, छोटा सेंट्रल पार्क शास्त्रीनगर, पीली कालोनी पार्क शास्त्रीनगर, जेपी पार्क विजयनगर, आनंदराव पार्क शास्त्रीनगर में कृत्रिम पार्क का निर्माण भी कराया जाएगा। इसके साथ ही नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने बताया कि अभियंत्रण और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को छठ पूजा स्थलों की सफाई के साथ ही पैचवर्क और कृत्रिम तालाबों के निर्माण का निर्देश भी दिया गया है।
जानकारी के लिए बता दें शुक्रवार को नहाय खाय के साथ छठ पूजन की शुरुआत होगी। वहीं इसमें लौकी और भात ग्रहण किया जाता है। व्रती महिला घर के एक कमरे में पूजन कर अखंड ज्योत भी जलाती हैं। साथ ही शनिवार को गन्ने के रस में चावल को पकाकर सुहागिनें इसे ग्रहण करती हैं। इसी के साथ निर्जला व्रत की शुरुआत होती है। रंगोली बनाकर मां का पूजन और कथा श्रवण भी किया जाता है।
रविवार को घाटों पर संध्या अर्घ्य पूजन होगा और व्रती महिलाएं पुत्र और पति के साथ सरोवर के जल में खड़े होकर भगवान सूर्य और छठी मइया का पूजन भी करती हैं और उन्हें अर्घ्य देती हैं। वहीं सोमवार को व्रती महिलाएं उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी। व्रती भोर पहर सरोवर के जल में खड़े होकर सूर्य देवता को जल अर्पित करती हैं और अर्घ्य के बाद सुहागिनों द्वारा मांग भरने की रस्म भी की जाती है।