Media – एनडीटीवी पर अब अडानी का आधिपत्य हो गया है। प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और सोशल मीडिया पर NDTV के साथ सच्ची पत्रकारिता का अंत जैसे ट्वीट जमकर वायरल होने लगे।
कई लोगो अपने अपने लहजे में NDTV के विषय मे अपना मत रखने लगे। कि अचानक से खबर आई कि वरिष्ठ पत्रकार, युवाओं की आवाज, मुद्दों के साथी और निष्पक्ष पत्रकार रवीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है ओर अब वह एनडीटीवी पर नहीं नजर आएंगे।
जब यह खबर सामने आई कि अब एनडीटीवी को रवीश कुमार ने अलविदा कह दिया है। तो मानो सोशल मीडिया पर हलचल मच गई। लोगों का दावा था कि रवीश का इस्तीफा सबूत है कि आज के युग मे पत्रकारिता का कोई बजूद नहीं है। आज हर वह इंसान लोगों की आंख में खटक रहा है जो सत्य का साथी है और सरकार की नीतियों पर सवाल उठता है।
रवीश के इस्तीफे पर राजनेता-
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती रवीश के इस्तीफे पर कहती हैं कि जब एक निष्पक्ष पत्रकार रिपोर्ट से समझौता करने की जगह इस्तीफा देना चुनता है। तो यह मीडिया के हालातों को उजागर करता है। सच्चाई अब सबसे बड़ी शिकारी है।
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी कहते हैं एक पत्रकार से लड़ने के लिए पूरा चैनल खरीद डाला है। जब जब संस्थाएँ ही ढह रही हों — ढहाई जा रही हों — एक चैनल के ढहने-ढहाने पर क्या रोना।
जाने कौन है रवीश-
वैसे तो रवीश कुमार सभी की तरह एक साधारण इंसान हैं। लेकिन उनकी छवि एक लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। रवीश कुमार कुमार एनडीटीवी हिंदी में समाचार एंकर थे। लेकिन उन्होंने खबरें नहीं पढ़ी बल्कि लोगों की समझ विकसित की और आज के समय मे रवीश कुमार कौन हैं इसका जवाब सिर्फ इतना मिलता है कि वह लाखों युवाओं की आवाज हैं।