सच और मीडिया

अब अश्लीलता ही पत्रकारिता है

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अब अश्लीलता ही पत्रकारिता है

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मीडिया– पत्रकारिता का आज स्वरूप बिल्कुल परिवर्तित हो गया है। आज के समय मे पत्रकारिता निष्पक्ष की जगह पक्ष धर बन गई है। आज के समय बड़े बड़े समाचार चैनल जो पूरे भारत मे लोकप्रिय है वह तनिक भी संकोच महसूस नही करते एक तरफा पत्रकारिता करने में। जहां हमे पढाई के दौरान बताया जाता है कि पत्रकारिता निष्पक्ष, सत्य और दबे हुए मुद्दों को उजागर करने का एक माध्यम है। 

वही आज के समय की पत्रकारिता को देखकर ऐसा महसूस हो रहा है। कि अब पत्रकारिता पक्षधर, एक ओर झुकी हुई और सरकार के तलवे चाटते हुए नजर आ रही है। अब पत्रकारिता में अगर आपको अपने आप को स्थापित करना है तो अपने ज्ञान और मुद्दों की समझ से अधिक विकसित होनी चाहिए चौपलुसी की प्रवर्त्ति और मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाकर एक एजेंडा तैयार करना और उसे सत्य की तरह जनमत के मध्य प्रस्तुत करना और उसका अनुसरण करने के लिए जनता को रेडी करना।

आज के समय मे पत्रकारिता का लेवल झूठ से अधिक चस्के की हेडलाइन और मजेदार झूठ के ट्रेड से लबालब कंटेट और अश्लीलता से भर गया है। जो आज जितना अश्लील कंटेट लिखता है जितनी टेढी हेडलाइन बनाता है। हेडलाइन में जितने अधिक अश्लील शब्द इस्तेमाल करता है और तस्वीर में जितना नग्नता का प्रदर्शन करता है उसकी पत्रकारिता उतनी ही बेहतरीन मानी जाती है।

उदाहरण के लिये- अगर उर्फी जावेद बोल्ड अवतार में सामने आती है। तो उसके इस बोल्ड अवतार की तस्वीरों को अच्छी हेडलाइन के साथ पेश करना बेहतर पत्रकारिता है। लेकिन वास्तविक मुद्दों जैसे महंगाई , बेरोजगार, अपराध के मुद्दे पर सरकार से सवाल करना गलत है। यह आज की पत्रकारिता की जिम्मेदारी नही है।