मीडिया– पत्रकारिता में अपनी काबिलियत के बलबूते पर अपना नाम बनाने वाली चित्रा त्रिपाठी आज किसी भी परिचय की मोहताज नही है। लोग चित्रा त्रिपाठी को उनके काम से जानते हैं।
गांव में आज चित्रा की लोकप्रियता कुछ ऐसी हो गई है। की अगर कोई बच्चा खेल खेल में भी चित्रा कहता है तो लोग पूंछने लगते हैं कि वह आज तक वाली चित्रा त्रिपाठी न। चित्रा त्रिपाठी आज सिर्फ आज तक की समाचार एंकर नही है। बल्कि आज वह करोड़ो लोगो का विश्वास है।
लोग चित्रा त्रिपाठी पर विश्वास करते हैं। लोगो को लगता है कि अगर कोई बात सत्य है तो वह चित्रा त्रिपाठी की कही हुई बात है। गांव की स्थिति कुछ ऐसी है कि आज लोग कोई भी घटना होती है और उस घटना से जुड़े तत्वों पर विश्वास तभी करते हैं जब वह उस खबर के बारे में चित्रा त्रिपाठी की रिपोर्टिंग शाम को देख लेते हैं।
जाने गांव में चित्रा को लेकर क्या कहते हैं लोग-
गांव के लोगो का कहना है। कि हमे चैनल पर विश्वास नही है लेकिन चैनल पर जो खबर सुना रहा है। वह हमारा विश्वास है। एक साहब मिले – उनसे समाचार के संदर्भ में बात हो रही थी। साहब उत्तरप्रदेश के लखनऊ के सरोजिनी नगर के एक गांव के निवासी हैं।
साहब का कहना है कि अगर खबर को सच मे समझना है। तो आपको चित्रा त्रिपाठी को सुनना चाहिए। वह सिर्फ खबर सुनाती नही है बल्कि वह खबर समझाती भी है। चित्रा त्रिपाठी को यह मालूम है कि उन्हें जो दर्शक देख रहा है वह कौन है। वह अपने दर्शकों की समझ के अनुकूल ही खबरे पढ़ती है।
वही एक साहेब कहते हैं कि हमारे लिए खबर मतलब चित्रा त्रिपाठी है। हम खबर वही देखते हैं जो चित्रा दीदी द्वारा सुनाई जाती है। क्योंकि चित्रा दीदी खबर नही बताती है बल्कि हमे खबरों की बारीकियों से रूबरू करवाती है। चित्रा त्रिपाठी विश्वास है और विश्वास के साथ समझौता नही किया जा सकता।