सावधान! इन्वर्टर बैटरी में गलत पानी डाला तो मिनटों में हो सकती है डेड! ये है सही पानी और डालने का तरीका

Published On: June 16, 2025
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सावधान! इन्वर्टर बैटरी में गलत पानी डाला तो मिनटों में हो सकती है डेड! ये है सही पानी और डालने का तरीका
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इन्वर्टर बैटरी में कौन सा पानी डालें? सही चुनाव जो बढ़ाए बैटरी की लाइफ और परफॉर्मेंस!

गर्मियों में या बिजली कटौती के समय इन्वर्टर और उसकी बैटरी हमारे घरों और ऑफिसों के लिए जीवनरेखा समान होते हैं। इन्वर्टर बैटरी (Inverter Battery), खासकर लेड-एसिड बैटरी, को सही तरीके से काम करने और लंबे समय तक चलने के लिए नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है, और इसमें सबसे महत्वपूर्ण कामों में से एक है समय-समय पर पानी डालना। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह दुविधा रहती है कि “इन्वर्टर बैटरी में कौन सा पानी डालना चाहिए?” (Which water should be put in an inverter battery?) गलत पानी का चुनाव आपकी महंगी बैटरी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। आइए, इस महत्वपूर्ण विषय पर विस्तार से जानते हैं।

इन्वर्टर बैटरी में पानी की भूमिका और ज़रूरत:

अधिकांश इन्वर्टर बैटरियां लेड-एसिड प्रकार की होती हैं। इनमें इलेक्ट्रोलाइट होता है, जो सल्फ्यूरिक एसिड और पानी का एक विशिष्ट मिश्रण है। चार्जिंग और डिस्चार्जिंग की रासायनिक प्रक्रिया के दौरान, पानी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में विघटित होता है (इसे इलेक्ट्रोलिसिस कहते हैं)। इस कारण समय के साथ बैटरी के अंदर इलेक्ट्रोलाइट का जल स्तर कम हो जाता है।

यदि पानी का स्तर (water level) बहुत नीचे चला जाता है, तो बैटरी की लेड प्लेटें हवा के संपर्क में आ सकती हैं। इससे प्लेटों का ऑक्सीकरण और सल्फेशन हो सकता है, जिससे बैटरी की चार्ज स्टोर करने की क्षमता कम हो जाती है, बैकअप टाइम घट जाता है और अंततः बैटरी खराब (battery damage) हो सकती है। इसलिए, निर्धारित स्तर तक पानी बनाए रखना बैटरी की लंबी आयु (long battery life) और बेहतर प्रदर्शन के लिए अनिवार्य है।

इन्वर्टर बैटरी के लिए कौन सा पानी सबसे अच्छा है? (Which water is best for inverter batteries?)

इन्वर्टर बैटरी के लिए केवल और केवल डिस्टिल्ड वाटर (Distilled Water) यानी आसुत जल ही सबसे उपयुक्त माना जाता है। कुछ विशेषज्ञ डीआयनीकृत पानी (Deionized Water) यानी विआयनीकृत जल का भी सुझाव देते हैं, जो लगभग डिस्टिल्ड वाटर जितना ही शुद्ध होता है।

  • डिस्टिल्ड वाटर (Distilled Water): यह पानी को उबालकर उसकी भाप को इकट्ठा करके और फिर उसे संघनित करके बनाया जाता है। इस प्रक्रिया से पानी में मौजूद लगभग सभी अशुद्धियाँ, खनिज, लवण और अन्य घुले हुए ठोस पदार्थ (TDS) निकल जाते हैं। यह बैटरी की प्लेटों पर किसी भी प्रकार का हानिकारक जमाव नहीं होने देता।
  • डीआयनीकृत पानी (Deionized Water): इस पानी को विशेष आयन-एक्सचेंज रेजिन से गुजारकर उसमें मौजूद सभी आयनों (खनिजों के आवेशित कण) को हटा दिया जाता है। यह भी अत्यधिक शुद्ध होता है और बैटरी के लिए सुरक्षित है।

बाज़ार में “बैटरी वाटर” के नाम से मिलने वाला पानी भी आमतौर पर डिस्टिल्ड या डीआयनीकृत पानी ही होता है।

कौन सा पानी इन्वर्टर बैटरी में बिल्कुल नहीं डालना चाहिए? (Which water should absolutely not be put in an inverter battery?)

  1. नल का पानी (Tap Water): नल के पानी में कई प्रकार के खनिज (जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन) और क्लोराइड, फ्लोराइड जैसे रसायन घुले होते हैं। ये खनिज बैटरी की लेड प्लेटों पर जमा होकर उनकी कार्यक्षमता को गंभीर रूप से बाधित करते हैं और सल्फेशन की प्रक्रिया को तेज करते हैं, जिससे बैटरी समय से पहले खराब हो जाती है।
  2. RO (रिवर्स ऑस्मोसिस) का पानी (RO Water): हालांकि RO प्रक्रिया पानी से काफी अशुद्धियाँ और TDS कम कर देती है, फिर भी यह डिस्टिल्ड वाटर जितना शुद्ध नहीं होता। इसमें अभी भी कुछ खनिज और आयन मौजूद हो सकते हैं जो लंबे समय में बैटरी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अत्यंत आपात स्थिति में, यदि आपके RO पानी का TDS बहुत कम (20 ppm से नीचे) हो और कोई अन्य विकल्प न हो, तो इसे बहुत ही अस्थायी तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह अनुशंसित नहीं है।
  3. AC (एयर कंडीशनर) से निकला पानी (AC Water): AC से निकला पानी भी आसुत जल के करीब होता है, लेकिन इसमें कॉपर ट्यूबिंग या हवा की अशुद्धियों के कण हो सकते हैं जो बैटरी के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसका इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।
  4. मिनरल वाटर (Mineral Water) या पीने का कोई अन्य फिल्टर्ड पानी: इन सभी में खनिज होते हैं जो बैटरी के दुश्मन हैं।

इन्वर्टर बैटरी में पानी कब और कैसे डालें? (When and how to put water in an inverter battery?)

  • कब डालें: हर 30-45 दिनों में अपनी बैटरी के पानी का स्तर जांचें। अधिकांश बैटरियों में जल स्तर के संकेतक (water level indicators – लाल और हरे रंग के फ्लोट) होते हैं। जब फ्लोट लाल निशान पर या उससे नीचे आ जाए, तो पानी डालने का समय है।
  • कैसे डालें:
    • सबसे पहले इन्वर्टर का पावर स्विच ऑफ करें और प्लग निकाल दें।
    • बैटरी के वेंट प्लग (vent plugs) या फ्लोट इंडिकेटर्स को सावधानी से खोलें।
    • एक साफ कीप (funnel) का उपयोग करके केवल डिस्टिल्ड वाटर धीरे-धीरे प्रत्येक सेल में डालें, जब तक कि पानी का स्तर हरे निशान तक न पहुंच जाए या प्लेटें पानी में पूरी तरह डूब न जाएं।
    • ओवरफिल न करें: पानी बहुत ज़्यादा भरने से चार्जिंग के दौरान एसिड बाहर छलक सकता है, जो खतरनाक हो सकता है और फर्श को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
    • सभी वेंट प्लग को ठीक से वापस लगा दें।
    • अपने हाथों को तुरंत साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें।

आपकी इन्वर्टर बैटरी की सेहत और दीर्घायु के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आप उसमें केवल डिस्टिल्ड वाटर (आसुत जल) का ही प्रयोग करें। यह एक छोटा सा कदम आपकी बैटरी को समय से पहले खराब होने से बचा सकता है और आपको सालों तक विश्वसनीय बैकअप प्रदान कर सकता है। बैटरी का रखरखाव (battery maintenance) करते समय हमेशा सुरक्षा सावधानियों का भी ध्यान रखें। इन्वर्टर बैटरी वाटर टॉप-अप (inverter battery water top-up) को हल्के में न लें, यह आपकी बैटरी की परफॉर्मेंस के लिए ज़रूरी है।

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