वक्फ विधेयक को लेकर संसदीय समिति में मचा घमासान: विपक्ष का वॉकआउट
क्या आप जानते हैं कि वक्फ विधेयक को लेकर संसद में एक बड़ा विवाद छिड़ गया है? विपक्षी दलों के सांसदों ने इस विधेयक पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) की बैठक का बहिष्कार कर दिया है और हंगामा करते हुए वॉकआउट कर लिया है! इस घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और देश भर में चर्चा का विषय बन गया है। आइए, इस मामले की पूरी जानकारी आपको देते हैं।
जेपीसी की बैठक में हुआ हंगामा: विपक्ष का आरोप
सोमवार को जेपीसी की बैठक में विपक्षी सांसदों ने दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा प्रस्तुत प्रजेंटेशन का विरोध करते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि बोर्ड ने दिल्ली सरकार की जानकारी के बिना प्रेजेंटेशन में बदलाव किए हैं। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, द्रमुक के मोहम्मद अब्दुल्ला, कांग्रेस के नसीर हुसैन और मोहम्मद जावेद समेत कई अन्य विपक्षी नेता इस हंगामे का हिस्सा थे और उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए बैठक से वॉकआउट किया।
विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया है कि एमसीडी कमिश्नर और दिल्ली वक्फ बोर्ड प्रशासक अश्विनी कुमार ने मुख्यमंत्री की मंजूरी के बिना ही वक्फ बोर्ड की शुरुआती रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण बदलाव कर दिए हैं, जिससे विपक्ष में तेज असंतोष है।
दिल्ली सरकार का कड़ा विरोध
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने जेपीसी के अध्यक्ष को एक कड़ा पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने वक्फ विधेयक पर जेपीसी को सौंपी गई दिल्ली की वक्फ रिपोर्ट को 'अमान्य और शून्य' (null & void) घोषित करने की मांग की है। उन्होंने यह भी मांग की है कि रिपोर्ट के आधार पर प्रस्तुत किसी भी प्रजेंटेशन को रद्द किया जाए।
वक्फ विधेयक क्या है और क्यों है इतना विवाद?
वक्फ विधेयक मुस्लिम समुदाय से संबंधित धार्मिक और धर्मार्थ संपत्तियों के प्रशासन से जुड़ा है। इस विधेयक के कई पहलू विवादों से घिरे हुए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के हितों को प्रभावित करता है जबकि कुछ इसका समर्थन करते हैं, ये मानते हुए की इससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होगा। यह व्यापक विवाद समाज के कई वर्गों में चिंता का विषय बना हुआ है।
विधेयक के मुख्य बिंदु
विधेयक के मुख्य बिंदुओं में वक्फ संपत्तियों का संरक्षण और पारदर्शिता, भ्रष्टाचार रोकथाम, तथा समुदाय द्वारा संपत्ति के प्रबंधन में अधिकाधिक भागीदारी शामिल हैं। हालांकि, विधेयक में कुछ धाराओं के संबंध में संशय बना हुआ है, जिसके कारण विरोध बढ़ रहा है।
पिछली जेपीसी की बैठक भी रही विवादास्पद
ये पहला मौका नहीं है जब जेपीसी की बैठक में हंगामा हुआ है। पिछले हफ्ते भी जेपीसी की बैठक में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और बीजेपी सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच तीखी बहस हुई थी। इस बहस के दौरान कल्याण बनर्जी ने एक कांच की पानी की बोतल फोड़ दी जिससे उन्हें चोट आई। उन्हें एक दिन के लिए समिति से निलंबित भी किया गया था।
बढ़ता राजनीतिक तनाव
इस घटना ने जेपीसी के कामकाज को प्रभावित किया है और इसने संसद में विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। विधेयक पर चर्चा और सहमति बनाने में इस तनाव का बड़ा योगदान है।
टेक अवे पॉइंट्स
- वक्फ विधेयक को लेकर संसद में तनाव लगातार बढ़ रहा है।
- विपक्षी दलों ने जेपीसी की बैठक का बहिष्कार किया और वॉकआउट कर दिया।
- विपक्ष ने दिल्ली सरकार की जानकारी के बिना वक्फ बोर्ड के रिपोर्ट में किए गए परिवर्तनों पर सवाल उठाया है।
- दिल्ली मुख्यमंत्री ने जेपीसी के अध्यक्ष को रिपोर्ट को अमान्य घोषित करने का पत्र लिखा है।
- पिछले हफ्ते की बैठक भी विवादों से भरी हुई थी और एक सांसद के निलंबन तक पहुंच गई थी।
यह घटनाक्रम दिखाता है कि वक्फ विधेयक कितना विवादास्पद है और इसके प्रभाव के चलते इस पर कितनी राजनीतिक तूफान चल रहे हैं। आगे क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी।