img

डेस्क। 17 सितंबर का दिन राजधानी दिल्ली के लिए काफी अहम साबित हुआ है। सियासी उठापटक के बाद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दिया है और आतिशी का दिल्ली की नईं मुख्यमंत्री बनना भी तय हो गया है। यह कहा जा रहा है कि सबकुछ तय रणनीति के अनुसार हुआ है।

वहीं अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ सरकार की नए कैबिनेट में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर भी चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। चर्चा इस बात की हो रही है कि आतिशी की कैबिनेट में मंत्री कौन-कौन होगा? क्या आतिशी सरकार में नए मंत्री होंगे शामिल या पुराने ही चेहरों को फिर से मिलेगा मौका? समझिए क्या कहता हैं समीकरण

आतिशी कैबिनेट में किसे दिया जाएगा मौका?

कयास यह लगाए जा रहे हैं कि आतिशी की नई कैबिनेट के खाली पदों पर पार्टी क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने की कोशिश करने वाली है। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक दिल्ली में मुख्यमंत्री के अलावा अधिकतम 6 मंत्री हो सकते हैं और सूत्रों की मानें तो आतिशी पुराने चेहरों पर ही भरोसा दिखाने वाली है।

लालू प्रसाद यादव की बढ़ने वाली हैं मुस्किलें, कोर्ट ने जारी किया समन

कारण – पुराने मंत्री अपने कामकाज से अच्छे से अवगत हैं। साथ ही पुराने मंत्री पहले से चल रहे कामों को जारी रखने, नीतिगत मामलों को सुचारू रूप से चलाने में ज्यादा योगदान भी दे सकते हैं। नए चेहरों पर पार्टी इसलिए भी दांव नहीं खेलेगी क्योंकि दिल्ली चुनाव अब करीब है।

आम आदमी की तरह रहेंगे केजरीवाल: संजय सिंह

दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 23 फरवरी को खत्म होने वाला है, ऐसे में उम्मीद है की दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी महीने के शुरूआत में ही करवाए जा सकते हैं। निर्वाचन आयोग किसी भी वक्त चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकती है, जिसके बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी और ऐसी समय में नए मंत्रियों के पास कामकाज करने के लिए समय ही नहीं होगा। इस बात कि भी संभावना कम ही है कि आतिशी कैबिनेट में फेर-बदल कर पार्टी में किसी भी तरह की अस्थिरता लाने की कोशिश करेंगी। साथ ही माना जा रहा है कि आतिशी फिर पुराने मंत्रिमंडल के साथ ही अपना कार्यकाल जारी रखने वाली है।

इतने मंत्री हो सकते हैं शामिल

दिल्ली में फिलहाल 5 मंत्री हैं और कैबिनेट में एक ही सीट खाली है। आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद एक मंत्री पद खाली हो जाएगा। यह माना जा रहा है कि पुराने चेहरों कि लिस्ट में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और सौरभ भारद्वाज को नई कैबिनेट में भी दोबारा मंत्री के रूप में शामिल करा जा सकता है। रेस में कोंडली विधायक कुलदीप कुमार और मंगोलपुरी विधायक राखी बिड़लान का नाम भी शामिल है। इसी के साथ आतिशी इन दोनों में किसी एक को मौका दे सकती हैं और कैबिनेट में शामिल होने के लिए कई अन्य विधायक भी इस दौड़ में हैं। इनमें सोमनाथ भारती, दुर्गेश पाठक, संजीव झा, दिलीप पाण्डेय और महेंद्र गोयल जैसे नाम भी शामिल हैं।