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प्रज्वल रेवन्ना को दुष्कर्म मामले में कोर्ट से बड़ा झटका 

डेस्क। कर्नाटक हाई कोर्ट से प्रज्वल रेवन्ना को बड़ा झटका लगा है। रेप और यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज भी कर दिया गया है।

कर्नाटक हाई कोर्ट से निलंबित जनता दल (एस) के नेता प्रज्वल रेवन्ना को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। रेप और यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। बता दें इस मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस नागप्रसन्ना की अदालत ने एक महीना पहले इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित कर रख लिया था।

जेडीएस के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न और रेप के तीन मामले हैं।

इससे पूर्व न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की पीठ ने पहले मामले में रेवन्ना के आवेदन और इसी तरह की शिकायतों से संबंधित दो अग्रिम जमानत याचिकाओं पर उनकी दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान अदालत ने वकीलों को निर्देश दिया कि वे पीड़ितों के नाम का जिक्र करने से बचें और इसके बजाय वे मामले से जुड़े दस्तावेजों में विशिष्ट विवरण का ही जिक्र करें। रेवन्ना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग के. नवदगी ने घटनाओं के वक्त का जिक्र करते हुए जोर दिया था कि जिस महिला ने इससे पहले रेवन्ना पर अवैध तरीके से उसके घर से निकाले जाने का आरोप लगाया था उसने शुरू में उन पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप ही नहीं लगाया।

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नवदगी ने आगे दलील दी थी कि फोरेंसिक रिपोर्ट में कथित वीडियो से रेवन्ना के संबंध का कोई पता नहीं चलता और पीड़ित एवं उसकी बेटी के बयानों में विरोधाभास को रेखांकित भी किया गया है। नवदगी ने रेवन्ना के फोन में इस तरह के किसी आपराधिक वीडियो के होने से इनकार किया है। उन्होंने यह भी दलील पेश कि जिस फोन को लेकर सवाल उठाया जा रहा है वह रेवन्ना के ड्राइवर कार्तिक का है और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) की रिपोर्ट अधूरी भी थी।