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डेस्क। नेशनल कांफ्रेंस के विधायकों ने उमर अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना है। इसके साथ ही उमर का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता भी साफ हो चुका है।

जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चुनाव में बड़ी जीत के बाद नेशनल कांफ्रेंस के नवनिर्वाचित विधायकों की गुरुवार को बैठक हुई है। इस मीटिंग में सर्वसम्मति से उमर अब्दुल्ला को नेशनल कांफ्रेंस विधायक दल का नेता भी चुना गया है। अब कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस विधायकों की संयुक्त बैठक होनी है, जिसमें गठबंधन के विधायक दल का नेता चुना जाना है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में भी उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुना जाएगा और इसके बाद गठबंधन के नेता सरकार बनाने का दावा पेश कर देंगे।

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मीटिंग से पहले उमर अब्दुल्ला ने बोला था कि हम सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राजभवन जाएंगे और उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण के लिए समय तय करने के लिए बोलेंगे। यह बताया जा रहा है कि गठबंधन के विधायकों की संयुक्त बैठक के बाद उमर अब्दुल्ला सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले हैं।

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आपको बता दें कि 10 साल के बाद हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 90 सीटों में से अकेले 42 सीटें ही जीतीं है। गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने छह और सीपीआई (एम) ने एक सीट पर जीत हासिल की है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बहुमत के 46 के आंकड़े को आसानी से पार कर लिया है। कुल 90 सीटों में से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 51 पर चुनाव लड़ा और 32 सीटें अपनी सहयोगी कांग्रेस को दी, पर एक-एक सीट सीपीआई (एम) और पैंथर्स पार्टी को दे दी थी। पांच सीटों पर दोनों कांग्रेस और एनसी के बीच दोस्ताना मुकाबला किया था।

बीजेपी होगी विपक्ष का हिस्सा

जम्मू-कश्मीर में पहली बार बीजेपी की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई नेता प्रतिपक्ष का होगा। बीजेपी ने राज्य में 29 सीटें जीत ली है जबकि पीडीपी को सिर्फ तीन सीटें ही मिली हैं। राज्य में बीजेपी दूसरी बड़ी पार्टी बनकर के उभरी है।

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पार्टी ने पहले ही कह दिया है कि वह विपक्ष की भूमिका निभाने वाली है। जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी पहली बार खाता खोलने में सफल हुई है और आप को सिर्फ एक सीट मिली है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि आप गठबंधन के साथ रहेगी या फिर विपक्ष में बैठने वाली है। क्योंकि राज्य में आप ने अपने बल पर अकेले चुनाव भी लड़ा था।