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छठ पूजा का पौराणिक महत्व, ऋग्वेद से मेल 

छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जो कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है।

पौराणिक महत्व

छठ पूजा का उल्लेख ऋग्वेद में वर्णित सूर्य पूजन एवं उषा पूजन में मिलता है। यह पर्व आर्य परंपरा के अनुसार मनाया जाता है, जिसमें सूर्य को जीवन की देवता माना जाता है। छठी मैया को भगवान सूर्य की बहन माना जाता है, जो पृथ्वी पर जीवन की देवता को बहाल करने के लिए पूजा जाती है।

अनुष्ठान

छठ पूजा के अनुष्ठान कठोर हैं और चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं। इनमें शामिल हैं

1. पवित्र स्नान

2. उपवास और पीने के पानी से दूर रहना

3. लंबे समय तक पानी में खड़ा होना

4. प्रसाद और अर्घ्य देना

महत्व

छठ पूजा का महत्व इस प्रकार है

1. सूर्य की पूजा करना

2. प्रकृति की पूजा करना

3. जल और वायु की पूजा करना

4. जीवन की देवता को बहाल करने के लिए पूजा करना

इस प्रकार, छठ पूजा एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हमें प्रकृति और जीवन की देवता के प्रति सम्मान और कृतज्ञता की भावना को बढ़ावा देता है।