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दिल्ली पुलिस ने किया अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़: 25 करोड़ रुपये का गांजा जब्त

क्या आप जानते हैं कि दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है, जो डार्क वेब और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर देश में करोड़ों रुपये की ड्रग्स की तस्करी कर रहा था? यह सिंडिकेट इतना शातिर था कि उसने छोटे-छोटे पैकेट्स के जरिए ड्रग्स की तस्करी की और पुलिस की नजरों से बचने के लिए फर्जी सिम कार्ड, प्राइवेसी टूल्स और फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया. आइए जानते हैं इस पूरी कहानी के बारे में.

गिरोह का मास्टरमाइंड और उसकी काम करने का तरीका

इस गिरोह का मास्टरमाइंड लोकेश ढींगरा उर्फ लोकी था, जिसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरोह हाइड्रोपोनिक गांजा की तस्करी में शामिल था, जिसकी कीमत 20-25 करोड़ रुपये आंकी गई है. पिछले तीन महीनों में ही, इस गिरोह ने 48 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक गांजे की तस्करी की. वे डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी कर रहे थे. गिरोह की चतुराई और सोची-समझी रणनीति देखते हुए लगता है कि वे लंबे समय से यह काम कर रहे थे।

पुलिस की कार्रवाई और ड्रग्स की बरामदगी

यह मामला तब सामने आया जब 18 अक्टूबर को आर.के. पुरम के डाकघर में 1.5 किलोग्राम गांजे का एक पार्सल जब्त किया गया, जिसकी कीमत 1 करोड़ रुपये थी. इसके बाद पुलिस ने कई जगह छापेमारी की, जिसमें 2 करोड़ रुपये की और ड्रग्स बरामद हुई. पुलिस की कार्रवाई ने इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी गिरोह के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया और 1.5 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति भी जब्त की गई.

गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी और जांच

शुरुआती छापेमारी के बाद, लोकेश ढींगरा और उसके साथी विवेक और मनशेर सिंह फरार हो गए थे. विवेक को नवंबर 2023 में थाईलैंड से वापस आने पर गिरफ्तार किया गया. लोकेश और मनशेर को गुरुग्राम के एक फ्लैट में पकड़ा गया, जहां उन्हें शरण देने वाली महिला को भी गिरफ्तार किया गया है. गिरोह के सदस्य पुलिस से बचने के लिए फर्जी सिम कार्ड, प्राइवेसी टूल्स और फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर रहे थे. यह गिरोह गुरुग्राम और नोएडा में ड्रग्स की तस्करी करता था. लोकेश ढींगरा एक आदतन अपराधी है और उसे जेल भेज दिया गया है. पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि इस गिरोह से जुड़े और लोगों को भी पकड़ा जा सके. पुलिस को उम्मीद है की आगे की जांच में और भी महत्वपूर्ण खुलासे होंगे.

ड्रग्स के बढ़ते खतरे से निपटना

यह मामला भारत में बढ़ते ड्रग्स के खतरे को उजागर करता है. डार्क वेब और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स की तस्करी को आसान और सुरक्षित बना रहा है. इससे निपटने के लिए, पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों को अधिक सतर्क रहने और नए तरीकों का इस्तेमाल करने की जरूरत है. साथ ही, लोगों को भी ड्रग्स के खतरे के बारे में जागरूक होने और नशीले पदार्थों के उपयोग के खिलाफ एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है.

Take Away Points:

  • दिल्ली पुलिस ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है.
  • गिरोह ने डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी, और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.
  • 20-25 करोड़ रुपये कीमत के 48 किलो हाइड्रोपोनिक गांजा बरामद किया गया.
  • गिरोह के मास्टरमाइंड लोकेश ढींगरा उर्फ लोकी को गिरफ्तार किया गया.
  • पुलिस ने 1.5 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति भी जब्त की है।