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डेस्क। दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत पर बाहर आए हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफे का एलान करने के बाद दिल्ली की सियासत को काफी गर्म कर दिया है। तो भाजपा ने इसे पीआर स्टंट बताया है। भाजपा का कहना है कि केजरीवाल को कोर्ट की शर्तों ने इस्तीफे के लिए मजबूर कर दिया है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने बोला है, ‘यह अरविंद केजरीवाल का पीआर स्टंट है। वह समझ गए हैं कि दिल्ली की जनता के बीच उनकी छवि कैसी हो गई है एक ईमानदार नेता की नहीं बल्कि एक भ्रष्ट नेता की। आज पूरे देश में आम आदमी पार्टी एक भ्रष्ट पार्टी के रूप में जानी जा रही है, अपने पीआर स्टंट के तहत वह अपनी छवि को बहाल भी करना चाहते हैं। इससे यह साफ है कि वह सोनिया गांधी मॉडल लागू करना चाहते हैं। जहां उन्होंने मनमोहन सिंह को डमी प्रधानमंत्री बनाया और पर्दे के पीछे से खुद सरकार चलाई। उन्हें आज समझ आ गया है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव हार रही है और दिल्ली की जनता उनके नाम पर वोट नहीं दे सकती, इसलिए वे किसी और को बलि का बकरा बनाने वाले हैं।’

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भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने बोला है, ‘अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि वह दो दिन बाद इस्तीफा दे देंगे और जनता का फैसला आने पर दोबारा से सीएम बनेंगे। यह कोई बलिदान नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि वह सीएम की कुर्सी के करीब नहीं जा सकते और किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर भी नहीं कर सकते। इसलिए, आपके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो गए हैं।’ 

सिरसा ने आगे आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपनी पत्नी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने के लिए सभी विधायकों को मनाने के लिए दो दिन का समय मांगा है।

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साथ ही आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री जी अग्निपरीक्षा से गुजरने के लिए तैयार हैं। अब यह दिल्ली की जनता के हाथ में है कि वह ईमानदार हैं या फिर नहीं।