डेस्क। बीजेपी ने हरियाणा की 90 में से 48 सीटें जीत ली हैं। हरियाणा बीजेपी में मुख्यमंत्री पद पर दावेदारों की संख्या को देखते हुए अमित शाह और मोहन यादव केंद्रीय पर्यवेक्षक भीं बनाए गए हैं, जिसको नायब सिंह सैनी का चुनाव निर्विघ्न रूप से संपन्न भी कराया जा सके।
हरियाणा में बीजेपी विधायक दल का नेता चुनने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया है। बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक 16 अक्टूबर को होनी है। इसमें दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक मौजदू रहेंगे और
बीजेपी ने 90 सदस्यों वाली विधानसभा में 48 सीटें जीती हैं और बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा का चुनाव नायब सिंह सैनी के चेहरे पर लड़ा जिसकी घोषणा स्वयं शाह ने पंचकूला में एक चुनावी सभा में करी थी। ऐसे में उनका मुख्यमंत्री बनना भी तय माना जा रहा है। तो आइए जानने की कोशिश करते हैं कि अमित शाह को हरियाणा के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाए जाने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी।
हरियाणा बीजेपी में सीएम पद के बनाएं गए दावेदार
हरियाणा चुनाव के नतीजे आने के पहले से ही बीजेपी के कई नेता मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं। इन नेताओं में से दो काफी वरिष्ठ नेता हैं।
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वो अपनी वरिष्ठता के आधार पर सीएम की कुर्सी पर दावेदारी कर रहे हैं और ये दो बड़े नेता हैं अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक चुने गए पूर्व मंत्री अनिल विज और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह। बता दें ये दोनों नेता सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा जता चुके हैं और विज अपनी वरिष्ठता के आधार पर सीएम पद पर दावेदारी कर रहे हैं।