डेस्क। दुनिया भर में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं । वहीं पहले यह बीमारी 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में देखी जाती थी, पर अब खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से इसे 30 साल से कम उम्र की महिलाओं में भी दिखा जा रहा हैं।
कैंसर के बारे में यह कहा जाता है कि अगर इसके लक्षणों को जल्दी पहचान लिया जाए तो इस जानलेवा बीमारी को इलाज के माध्यम से आराम से दूर भी किया जा सकता है। वहीं जागरूकता की कमी के कारण लोगों को कैंसर के लक्षणों के बारे में पता भी नहीं चल पाता। और इस वजह से 90 प्रतिशत स्तन कैंसर के मामलों का एडवांस स्टेज में पता नहीं लग पाता।
कई मामलों में महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण जल्दी भी दिखने लगते हैं, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती। और यदि समय पर परीक्षण नहीं किया जाता है, तो रोग बढ़ता है और कभी-कभी मृत्यु का कारण भी बनता है। डॉक्टरों का यह कहना है कि कुछ महिलाओं में कैंसर का खतरा बहुत अधिक होता है। और ऐसे में उन्हें हर छह महीने में एक बार कैंसर की जांच जरुर करवानी चाहिए।
एक सामान्य महिला को हर साल 40 साल की उम्र के बाद कैंसर की जांच करवा लेनी चाहिए। अगर किसी महिला की उम्र 25 वर्ष से अधिक है और उसके स्तन में गांठ है या निप्पल में बदलाव या डिस्चार्ज होता है, तो उसे भी तुरंत कैंसर का परीक्षण करवा लेना चाहिए। एक्स-रे मैमोग्राफी, सीटी और पीईटी स्कैन जैसे परीक्षणों से भी स्तन दोषों का पता आराम से लगाया जा सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो अगर किसी महिला को स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास पता है, तो इसके एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने का खतरा भी होता है। वहीं ऐसे में अगर किसी महिला के परिवार को उसकी मां को स्तन का कैंसर हुआ है तो 30 साल की उम्र पार करने के बाद महिला को हर 6 महीने या साल में एक बार कैंसर की जांच जरुर करवानी चाहिए। वहीं अगर कोई लक्षण नहीं हैं, तो भी आप कैंसर की जांच आराम से करवा सकती हैं।