डेस्क। अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक बहुत ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बुजुर्ग की मौत के बाद उसे मुखाग्रि दी गई थी पर चिता जलने के बाद सुबह परिजनों के द्वारा शमशान में अस्थियां भी एकत्रित की जा रही थीं। वहीं परिजनों के मुताबिक इसी दौरान अचानक अस्थियों के साथ मृतक दयाराम का दिल ज्यों का त्यों मिला बिना जला हुआ मिला। वहीं जब परिजनों द्वारा मृतक के दिल को घर लाया गया तो ग्रामीण भी देखकर दंग हो गए और यह घटना आसपास के गांव में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
यह मामला थाना लोधा क्षेत्र के नौगवां अर्जुनपुर गांव का बताया जा रहा है। वहीं गांव के रहने वाले बुजुर्ग दयाराम उम्र (82) वर्षीय की पिछले दिनों हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद विधि-विधान के साथ दयाराम के शरीर को मुखाग्नि भी दी गई थी। और 82 वर्ष की उम्र में हुई मृत्यु के बाद घरवाले जब अस्थियों को इकट्ठा करने के लिए श्मशान में गए तो परिजनों के मुताबिक इस दौरान पता चला कि अस्थियां तो राख बन चुकी हैं, पर दयाराम का दिल अभी ठीक ऐसे ही है जैसे जिंदा शरीर में हुआ करता है, इस बात को लेकर सभी लोग दंग रह गए।
घटना की जानकारी होने पर आसपास के गांव के लोग भी दयाराम के दिल को देखने आ पड़े, स्थानीय लोग इसे एक चमत्कार बता रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर दयाराम के शरीर की अस्थियां राख बन गई, लेकिन दिल के ना जलने से मामले को किसी बड़े आश्चर्य चमत्कार का रूप बताया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब दिल को गंगा में अस्थियों के विसर्जन के साथ विसर्जन करने का निर्णय लिया गया है।