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Special Marriage Act: क्या होता है स्पेशल मैरिज एक्ट

डेस्क। Special Marriage Act: स्पेशल मैरिज एक्ट अलग-अलग धर्म और जाति के लोगों के बीच वैवाहिक संबंधों को कानूनी मान्यता प्रदान करते है। इस कानून के जरिए दो अलग-अलग धर्म के लोग बिना अपना धर्म बदले शादी करने हैं।

बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और अभिनेता जहीर इकबाल की शादी के बाद स्पेशल मैरिज एक्ट एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। 1954 में बना यह कानून उन लोगों को सुरक्षा प्रदान करता है, जो समाज पारंपरिक तरीके से अलग दूसरे धर्म या देश के व्यक्ति के साथ शादी करते हैं।

सोनाक्षी-जहीर से पहले भी बॉलीवुड में कई अभिनेता और अभिनेत्री स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत अपनी शादी रजिस्टर करवा चुके हैं। करीना कपूर खान- सैफ अली खान और सोहा अली खान- कुणाल खेमू ने भी इसी कानून के तहत ही शादी की थी। यहां हम बता रहे हैं कि स्पेशल मैरिज एक्ट क्या है, इसके प्रावधान क्या हैं, कौन इस कानून के जरिए शादी भी कर सकता है और शादी के बाद पति-पत्नी को कौन से अधिकार हैं…।

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स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत अलग-अलग धर्म, देश या किसी धर्म में विश्वास नहीं करने वाले लोग आपस में आराम से शादी कर सकते हैं। यह कानून ऐसी शादियों को मान्यता प्रदान करता है और शादी करने वाले लोगों को कानूनी सुरक्षा भी प्रदान करता है। वकील संजय चड्ढा के अनुसार स्पेशल मैरिज एक्ट अलग-अलग धर्म और जाति के लोगों के बीच में वैवाहिक संबंधों को कानूनी मान्यता भी देता है। इस कानून के जरिए दो अलग-अलग धर्म के लोग बिना अपना धर्म बदले आराम से शादी कर सकते हैं। उन्हें हिंदू-मुस्लिम या किसी अन्य तरीके से शादी करने की जरूरत भी नहीं होती है।

Special Marriage Act के जरिए शादी करने के लिए दोनों लोगों की उम्र कानून के अनुसार ही होनी चाहिए जिसमें लड़की की उम्र 18 साल से ज्यादा और लड़के की उम्र 21 साल से ज्यादा होनी जरूरी है।

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इसी के साथ शादी के समय दोनों को अविवाहित या तलाक शुदा होना चाहिए।

दोनों का पहले से कोई अन्य जीवनसाथी न हो। शादी से 30 दिन पहले अधिकारी के पास जाकर इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी करवाना होता है।

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