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RO/ARO Paper Leak: अभ्यर्थियों ने उठाए सवाल, सीएम को लिखा पत्र 

डेस्क। RO/ARO Paper Leak: यूपी में RO एवं ARO का पेपर लीक होने के मामले में STF ने बीते दिनों बड़ा खुलासा किया था जिसे लेकर अभ्यर्थियों ने कई सवाल उठाए हैं कि सरकारी प्रेस होने के बावजूद निजी प्रिंटिंग प्रेस पर भरोसा आखिर क्यों किया जा रहा है। आरओ/एआरओ से पहले एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का पेपर भी प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था। वहीं लगातार गड़बड़ियों के बावजूद यूपीपीएससी अपनी कार्यप्रणाली में कोई सुधार क्यों नहीं कर सका।

अभ्यर्थियों ने ये भी इसपर कई सवाल उठाए हैं कि प्रदेश में सरकारी प्रिंटिंग प्रेस होने के बावजूद आयोग को निजी प्रिंटिंग प्रेस पर इतना भरोसा क्यों किया जा रहा है? बता दें परीक्षाओं में शुचिता और पेपरों की सुरक्षा को लेकर यह मांग पहले से उठती रही है कि भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र पर सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में ही छपवाए जाएं।

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कई वर्षों पहले प्रयागराज की गवर्नमेंट प्रेस में प्रश्न पत्र छपवाए जाने का प्रस्ताव भी रखा गया था पर यह प्रस्ताव रद्दी की टोकरी में चला गया और भर्ती संस्थाएं अपने हिसाब से निजी प्रिंटिंग प्रेसों में पेपर को छपवाती रहीं है। इससे पहले मार्च 2018 में एलटी ग्रेड शिक्षक के 10768 पदों पर भर्ती का विज्ञापन भी जारी हुआ था। परीक्षा में हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय के पेपर लीक होने के आरोप भी लगे थे।

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इस मामले में जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। अब जांच में ये सामने आया कि पेपर कोलकाता, पश्चिम बंगाल की एक निजी प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ। इस मामले में एसटी ने प्रिंटिंग प्रेस संचालक को गिरफ्तार भी किया था। बाद में आयोग की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को भी गिरफ्तार कर लिया था, जिनको बाद में कोर्ट से जमानत दी गई।

अब तो नीट में भी अहमदाबाद की निजी प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने की बात सामने आई है। पेपर लीक में निजी प्रिंटिंग प्रेसों की संलिप्तता सामने आने के बावजूद इस दिशा में कोई सुधार अभी तक नहीं हुआ। अभ्यर्थी ये सवाल उठा रहे हैं कि सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों में पेपर क्यों नहीं छपवाए जाते, जबकि सरकार के सभी गोपनीय दस्तावेज इन्हीं सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों में छपवाए जाते रहे हैं।

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इस मामले में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय एवं अन्य प्रतियोगी छात्रों ने यूपी के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग करी है कि सभी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र केवल सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों में ही छपवाए जाएं। इसके साथ ही निजी एजेंसियों के माध्यम से परीक्षा न कराई जाए। परीक्षा के आयोजन के लिए अलग से सरकारी तंत्र को विकसित करा जाए।

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