Swami Prasad Maurya: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान के बाद से सियासत तेज हो चुकी है। वहीं अब मायावती ने भी इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। साथ ही मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि देश के उपेक्षित वर्गों के लिए भारतीय संविधान ही ग्रंथ है।
आगे उन्होंने कहा, “देश में कमजोर व उपेक्षित वर्गों का रामचरितमानस व मनुस्मृति आदि ग्रंथ नहीं बल्कि भारतीय संविधान है जिसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने इनको शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी व ओबीसी की संज्ञा भी दी है। साथ ही अतः इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे तथा न ही संविधान की भी अवहेलना करे।”
इसके बाद उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं, देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी दलितों, आदिवासियों व ओबीसी समाज के शोषण, अन्याय, नाइन्साफी तथा इन वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि की उपेक्षा एवं तिरस्कार के मामले में कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी भी कोई किसी से भी कम नहीं है।