डेस्क। राजधानी में बीते दिनों होटल लेवाना, एक कोचिंग व कॉम्प्लेक्स (Buildings in lucknow) में आग लग गई थी वहीं हादसे के बाद कई लोगों की जान भी चली गई और बावजूद इसके अभी भी लापरवाही जारी है।
बता दें राजधानी में 300 से अधिक ऐसी इमारतें है, जो डेंजर जोन में आती हैं। वही खतरा ऐसा कि यदि वहां आग लगी तो बड़ा हादसा भी हो सकता है। साथ ही इस पर फायर विभाग ने करीब 180 बिल्डिंग मालिकों को नोटिस भी भेजी थी, वहीं राज्य में पुराने सभी अग्निशमन अधिनियम खत्म भी हो चुके हैं और नई नियमावली बनने तक इन पर कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है। वहीं ऐसे में ये बिल्डिंग मालिक बेहिचक फायर सेफ्टी की अनदेखी करने में भी जुटे हैं।
इसी कड़ी में राजधानी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार यह बताते हैं कि ‘लेवाना कांड के बाद नए सिरे से राजधानी की उन इमारतों का सर्वे किया गया, जहां फायर सेफ्टी की अनदेखी। भी की जा रही थी जिसके बाद पहले चरण में 73 इमारतों के मालिकों को 133 की नोटिस दी गई है साथ ही वहीं 101 बिल्डिंग मालिकों को नोटिस भेजी गई है।
वहीं हालांकि पुराने सभी एक्ट के खत्म होने के चलते इन पर कार्रवाई नहीं की जा सकी है और न ही नई नियमावली तैयार होती है इन पर कार्रवाई की जाएगी।
सीएफओ मंगेश कुमार यह बताते हैं कि ‘राजधानी में 300 से अधिक इमारतों को न सिर्फ फायर सेफ्टी के मानकों की अनदेखी की जा रही है साथ ही इमारतों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए कांच या लोहे की ग्रिल से बंद कर रखा है। ऐसे में यदि आग लगी तो धुआं आसानी से निकल भी नहीं पाएगा और यही नहीं जब हमारे दमकल कर्मी मौके पर रेस्क्यू करने पहुंचेंगे तो उन्हें भी अंदर जाने में काफी समस्या होगी, ऐसे में कभी भी बड़ी वारदात होने का अंदेशा बना ही रहता है।’ वहीं बता दें बीते 6 महीनों में लेवाना होटल, ग्रेविटी कोचिंग, बेस्ट बिरयानी और फिर बादशाह नगर के एसएस कॉम्प्लेक्स में आग लगने के बाद राजधानी की उन इमारतों पर प्रशासन की नजर टेढ़ी हो गई है, जो फायर सेफ्टी के मानकों को ताक पर रखे भी हुए हैं। जिसमें खासकर, होटल, कोचिंग सेंटर और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पर प्रशासन अपनी जांच को तेज भी कर रहा है।