डेस्क। प्रदेश में पांच हजार से अधिक आवेदकों के ड्राइविंग लाइसेंस लखनऊ में फंस गए हैं। महीनों बाद भी लाइसेंस न मिलने की वजह से आवेदक काफी परेशान हो रहे हैं। इनके द्वारा स्थानीय एआरटीओ कार्यालय में चक्कर काटे भी जा रहे हैं।
एआरटीओ द्वारा लखनऊ से ही लाइसेंस जारी न होने की बात स्पष्ट भी की जा रही है।
स्थानीय स्तर पर लाइट एवं हैवी लाइसेंस प्राप्त करने की प्रकिया पूर्ण करने के बाद लाइेंसस लखनऊ से सीधे आवेदक के घर डाक के माध्यम से पहुंचते भी हैं। वहीं यह कार्य स्मार्ट चिप कंपनी डीएल द्वारा किया भी जाता है। वहीं चिप की कमी के चलते 15 नवंबर से लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं। साथ ही जनपद के भी 5048 लोगों के लाइसेंस चिप की कमी के चलते लखनऊ में अटके हुए हैं।
और इनमें चार हजार लाइसेंस लाइट के हैं, बाकी लाइसेंस हैवी वाहन चलाने के हैं। साथ ही लाइसेंस न मिलने की वजह से किसी की नौकरी फंसी है तो किसी के रोजगार पर सकंट बना हुआ है।
वहीं सबसे ज्यादा परेशान वह लोग हैं जो लाइसेंस लेकर गाड़ी चलाकर परिवार का भरण पोषण करने पर निर्भर भी हैं। जो लाइेंसस लखनऊ में फंसे हैं, इनमें रिन्यूयल एवं डुप्लीकेट लाइसेंस भी शामिल हैं। वहीं एआरटीओ आरबी गुप्ता ने बताया कि 5048 लाइसेंस आवेदन के बाद लखनऊ में फंसे हुए हैं। साथ ही आवेदकों के महीनों बाद जब लाइसेंस घर नहीं पहुंचे तो वह कार्यालय में इसकी जानकारी के लिये संपर्क साध भी रहे हैं। रुके हुए लाइसेंस जल्द जारी करने के संबंध में लखनऊ वार्ता भी की है।