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यूपी में हैरतअंगेज: मृत डॉक्टर के नाम पर चल रहा था अस्पताल

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यूपी में हैरतअंगेज: मृत डॉक्टर के नाम पर चल रहा था अस्पताल

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डेस्क। वाराणसी से एक हैरतंगेज मामला सामने आया है। दरअसल, 5 साल पहले मर चुके डॉक्टर के नाम से यहां अस्पताल चल रहा था। वहीं जब इसकी जांच की गई, तब जाकर इस मामले का खुलासा हो सका है। वहीं एक ओर जहां शहर के लंका थाना क्षेत्र में बिना किसी रजिस्ट्रेशन के 1 साल पहले ही मर चुके डॉक्टर के नाम पर अस्पताल का संचालन किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर क्षय रोग में मरीजों की नोटिफिकेशन में निजी अस्पतालों की लापरवाही भी देखने को मिलीं है साथ ही जिसके तहत 22 डॉक्टरों को विभाग के द्वारा नोटिस भी दिया गया है।

वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र में फर्जीवाड़े के तहत एक निजी अस्पताल का संचालन भी किया जा रहा था। साथ ही बड़ी बात यह है कि यह अस्पताल 5 साल पहले ही मर चुके डॉक्टर के नाम पर संचालित हो रहा था। इस कड़ी में दूसरी ओर राष्ट्रीय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग ने क्षय रोगियों को नोटिफाई कर उनके इलाज में रुचि न लेने को लेकर 22 चिकित्सकों को नोटिस भी जारी किया है।

वाराणसी के लंका थानान्तर्गत छित्तूपुर क्षेत्र स्थित एस.एम.एस. हेल्थ केयर हॉस्पिटल बगैर पंजीकरण और बिना किसी चिकित्सक के यह संचालित हो रहा था। वहीं अस्पताल के बोर्ड पर जिस चिकित्सक का नाम दर्ज था, उसकी मृत्यु छह माह पूर्व ही हो चुकी है। साथ ही इसके बावजूद अस्पताल में मरीजों की भर्ती कर उनका उपचार हो रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सालय को तुरंत बंद कराने और उसके संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिए है।

इस बाद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि गत दिनों इस निजी अस्पताल की एक स्थनीय व्यक्ति ने शिकायत करी थी वहीं इस शिकायत पर अस्पताल का औचक निरीक्षण भी कराया गया, जहां निरीक्षण में यह पाया गया कि चिकित्सालय बिना पंजीयन और चिकित्सक के संचालित किया जा रहा है। इस निरीक्षण के दौरान अस्पताल के सुरेन्द्र वहां उपस्थित भी थे। और पूछताछ में पता चला कि अस्पताल के बोर्ड पर डॉ. एस.पी. सिंह का नाम लिखा है। वहीं उनकी मृत्यु छह माह पूर्व ही हो चुकी है और इससे यह भी साफ हुआ कि मृत चिकित्सक के नाम का दुरुपयोग अस्पताल द्वारा किया जा रहा था। और निरीक्षण के दौरान अस्पताल में दो मरीज भर्ती भी मिले, जिन्हें अन्यत्र उपचार कराने को कहा गया वहीं साथ ही तत्काल प्रभाव से बन्द कराने का निर्देश भी दिया गया है।