डेस्क। हस्तिनापुर के महामंत्री महात्मा विदुर अपनी दूर-दृष्टि के कारण अति प्रसिद्ध थे वहीं अपनी दूर-दृष्टि के कारण ही विदुर जी ने महाभारत युद्ध से पहले ही महाराज धृतराष्ट्र को युद्ध के परिणामों के बारे में अवगत भी करवा दिया था।
वहीं उन्होंने विदुर नीति में ऐसे गुणों का उल्लेख भी किया है, जिसके जरिए व्यक्ति हर क्षेत्र में सफलता पा सकता है और समाज में सम्मान भी पाता है।
इन गुणों का व्यक्ति होता है सम्मान का हक़दार
विदुर नीति की माने तो जो व्यक्ति अपने सभी काम समय पर पूरे कर लेते है। वहीं अपना समय फालतू चीजों में बर्बाद भी नहीं करता। इसी कड़ी में वह किसी भी काम के लिए फैसला सही समय पर लेता हैं। वे लोग ज्ञानी कहे जाते हैं। आपको बता दें कि ज्ञानी व्यक्ति का हर जगह सम्मान होता है और वे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता भी प्राप्त करते हैं और जिंदगी के हर मुश्किल दौर को बड़े धैर्य के साथ साध पाते हैं।
साथ ही महात्मा विदुर जी कहते हैं कि जो व्यक्ति शक्तिशाली होते हुये भी क्षमा करने का गुण रखता है और गरीब होने के बाद भी ख़ुशी का दान भी करने की क्षमता रखता है। ऐसा व्यक्ति सम्मान पाने का हकदार होता है और सफलता ऐसे लगों के कदम चूमती है।
महात्मा विदुर जी आगे कहते हैं, कि जो व्यक्ति दूसरों की बातों को धैर्य पूर्वक सुनता है। वह हर विषय को सीखने का प्रयास भी करता है और कार्य को गलत तरीके से करने के बजाय अपनी बुद्धि -विवेक के जरिए पूरा करता है। वहीं ज्ञानी पुरुष कहलाता है ऐसे लोगों के धैर्य को सफलता सामने से नमस्कार करती है।
विदुर नीति के मुताबिक़ व्यक्ति को नशे करने वाले इंसान से दूर रहना चाहिए क्योंकि नशे में कार्य करने वाले लोग ऐसी गलतियां कर बैठते हैं और इसके कारण साथ रहने वाले दूसरे लोगों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ता है।
वहीं विदुर नीति के अनुसार, किसी भी मानसिक रूप से कमजोर या मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति से टकराना नहीं चाहिए और न ही ऐसे लोगों से बहस करना चाहिए नही तो इसका नुकसान खुद आपको ही भुगतना पड़ता है।
विदुर जी की माने तो जो व्यक्ति बुद्धि, शौर्य, मधुर भाषी, ज्ञानी, वीर, कम बोलने वाला, दूसरे के उपकार को याद रखने वाला, दान करने वाला है तो ऐसे व्यक्ति की समाज में हमेशा तारीफ़ होती है और वह हर काम में सफल भी होता है।