आध्यत्मिक– आज के समय में हर कोई अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता है और उनकी बेहतर परवरिश करना चाहता है। वही आचार्य चाणक्य ने अभिभावकों के लिए कुछ विशेष नियम बनाएं है। अगर अभिभावक इन नियमों का पालन करते हैं तो उनके बच्चे बेहतर व्यवहार के बनते हैं। तो आइये जानते हैं आचार्य चाणक्य के मुताबिक किन व्यवहारों से करना चाहिए परहेज…
क्रोध–
अगर आपको क्रोध अधिक आता है और आप बात बात पर अपने परिवार के सदस्यों पर चिल्लाने लगते हैं। तो आपको अपने क्रोध पर काबू करना चाहिए और बच्चों के सामने अधिक नहीं चिल्लाना चाहिए। क्योंकि आपका यह व्यवहार आपके बच्चे के व्यवहार को प्रभावित करता है और वह अपने आप को इस व्यवहार में ढाल लेता है।
झूठ–
आपको अपने बच्चों के सामने कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। क्योंकि बच्चे आपको देखकर ही सीखते हैं। अगर आप उनके सामने झूठ बोलेंगे तो वह भी झूठ बोलना सीखेंगे और आपके इस व्यवहार से उनका आचरण झूठ बोलने वाला हो जाएगा।
हाथापाई–
किसी भी व्यक्ति को अपने बच्चों के सामने अपने अपनो से लड़ाई झगड़ा और हाथापाई नहीं करनी चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो उन्हें लगता है कि वह भी अपनी चीजों को हाथापाई से हासिल कर सकते हैं। और उम्र बढ़ती है तो वह भी अपनी बात मनवाने के लिए हर किसी से हाथापाई करने पर उतर आते हैं।
भाषा–
आपको अपने घर मे बेहतर भाषा का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि आप अपने घर मे जैसी भाषा बोलते है आपका बच्चा वैसी ही भाषा सीखता है और उसका आचरण आपके भाषा के मुताबिक बन जाता है।