आध्यत्मिक– हमने अक्सर सुना है कि व्यक्ति का सौंदर्य उसका चरित्र है। जिस व्यक्ति का चरित्र अच्छा है वही इस संसार मे लोकप्रिय है और लोगों को पसन्द भी। लेकिन एक व्यक्ति का चरित्र अच्छा कैसे बनता है यह समझना बहुत मुश्किल काम है।
कोई भी व्यक्ति अच्छे चरित्र का जन्म से नहीं होता। उसे लोकप्रिय और चरित्रवान होंने के लिये निरंतर प्रयास करना पड़ता है और अपने जीवन को लोगों की भीड़ से अलग रखना होगा।
ज्ञानात्माओं का कहना है चरित्रवान व्यक्ति वही है जो अपने ज्ञान से दूसरों को प्रभावित करता है और अपने जीवन को ईर्ष्या से हटाकर लोगों को प्रेरणा देने में व्यतीत करता है। जो व्यक्ति दूसरों की प्रेरणा बनाता है और अपना हित सोचने से पूर्व दूसरों का भला करने के लिए लगाता है। वही चरित्र वान है।
उम्दा चरित्र के व्यक्ति कभी भी किसी की बातों से प्रभावित नहीं होते। वह अपना ध्यान अपने चरित्र को निखारने में लगाते हैं और दूसरों को सकारात्मक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। ऐसे व्यक्ति निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद करते हैं और उनसे कोई अपेक्षा नहीं करते हैं।