धर्म– आज के समय में लोग धर्म को लेकर बड़ी बड़ी बातें करते दिख जाते हैं। कोई कहता है कि मुस्लिम से हमारे धर्म को खतरा है कोई जाति का ज्ञान देखर अपने धर्म की रक्षा करने के लिए आगे आता है। कोई कहता है कि धर्म का मतलब है भगवा रंग तो कोई करता है धर्म का अर्थ है हिन्दू। लेकिन क्या आपने कभी इस विषय पर बात की है कि वास्तव में मानव धर्म क्या है।
जाने क्या है मानव धर्म-
यदि हम मानव धर्म की बात करते हैं तो इसका सीधा सम्बंध सम्मान और बराबरी से है। जब एक व्यक्ति स्त्री का सम्मान करता है, लोगों को बराबरी की नजर से देखता है, धर्म के नाम पर कत्ल करने के लिए आमादा नहीं होता और रंगों को किसी समुदाय से नहीं जोड़ता। तो वह अपना मनाव धर्म निभाता है।
क्योंकि धर्म किसी का अहित नहीं सोच सकता। धर्म का अर्थ कल्याण है और जो व्यक्ति सम्पूर्ण समाज के हित और कल्याण के लिए हिंसा के विरोध में खड़ा होता है। सभी के हक की बात करता है ओर किसी को हीन भाव से नहीं देखता। वही धर्म के पथ पर चल रहा है।
वहीं जो धर्म की आड़ में आय दिन नफरत, हिंसा और शोषण का समर्थन करता है। वह उस दोमुंहे सांप की भांति होता है जो स्वयं को धर्म का रक्षक बताकर आम जनमानस को अधर्म से जोड़ता है और उसकी आँखों पर धर्म की बनावटी पट्टी बांध देता है व उसके कृत्य से अपने स्वार्थ की रोटियां सेंकता हैं।