आध्यात्मिक– हिन्दू धर्म मे मंत्र जाप का अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान है। कहते हैं कोई भी पूजा हो बिना जाप के अधूरी है। वही अगर आप पूजा पाठ नहीं कर पाते हैं लेकिन आप नियमित रूप से 108 बार ईश्वर का स्मरण करते हुए मंत्र जाप करते हैं।
तो आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। लेकिन कई बार सवाल यह भी उठता है। कि आखिर मंत्र जाप के समय प्रत्येक व्यक्ति 108 मनके की माला का जाप क्यों करता है। तो आइए जानते हैं 108 मनके की माला का रहस्य…
जाने 108 मनके की माला का आध्यात्मिक सच-
ऋषि मुनियों ने साधना का एक निश्चित समय बनाया है। उनका मानना है कि व्यक्ति को जाप एक निश्चित समय तक ही करना चाहिए। इसे व्यक्ति सही तरीके से साधना में लीन हो पाता है और उसका ध्यान बार बार नही भटकता।
शास्त्र के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति 108 मनके की माला का जाप करता है। तो वह एकाग्र हो जाता है और उसका ध्यान दुनिया की चहल पहल से दूर रहता है। 108 मनके की माला का जाप करने से व्यक्ति को सकारात्मक दृष्टिकोण मिलता है।
जाने 108 मनके की माला का वैज्ञानिक आधार-
सम्पूर्ण ब्रह्मांड में 27 नक्षत्र को मान्यता प्राप्त है। वही ज्योतिष कहता है कि प्रत्येक नक्षत्र में चार चार चरण होते हैं। अगर हम 27 का गुणा 4 से करते हैं तो विज्ञान के मुताबिक 108 अंक आता है। इसी कारण जाप हेतु 108 मनके की माला बनाई गई है।