आध्यत्मिक– आचार्य चाणक्य ने जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की है। उनके बातए हुए मार्ग पर चलकर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में सफल हो सकते हैं। वहीं जो व्यक्ति आचार्य चाणक्य के बातए मार्ग पर प्रशस्त होता है उसे अपने जीवन मे कभी दुख का मुख नहीं देखना पड़ता।
वहीं आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में कुछ विशेष लोगों का वर्णन किया है। उनके मुताबिक यदि आप ऐसे लोगों के साथ रहते हैं तो आप कितने भी सफल क्यों न हों आपको अपने जीवन मे कष्ट से जूझना ही पड़ता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति मूर्ख व्यक्ति के साथ रहता है और उसपर अपना ज्ञान बांचता है। तो उसका ज्ञान व्यर्थ हो जाता है और वह सीखने की जगह उस मूर्ख व्यक्ति की भांति व्यवहार करने लगता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आप किसी दुष्ट स्त्री का साथ करते हैं और उसका भरण पोषण करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। तो आपको जीवन मे कभी तरक्की नहीं हासिल होती है और आपके पास दरिद्रता का वास होता है।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक यदि आप अपना धन फजूल में व्यर्थ करते हैं और दुखी व्यक्ति के साथ अपना ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करते हैं। तो आपको भी दुख घेर लेता है और आपके मन मे नकारात्मक चीजों का वास होना चाहिए।
चाणक्य कहते हैं व्यक्ति को अपने जीवन मे सफल होने के लिये इस तीन प्रकार के व्यवहार से संलिप्त लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए और सदैव सकारात्मक रहने का प्रयास करना चाहिए।