Politics – बिहार में जब नीतीश कुमार ने युवाओं के बेहतर भविष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए नशा मुक्त अभियान चलाया तो उनके इस कदम की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सुशील मोदी तक ने की। लेकिन आज पांच साल बाद नीतीश कुमार का यह फैसला सवालों के घेरे में है।
जो बीजेपी आज तक नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून की सराहना करते नजर आई थी। अब वह उसमे कमियां निकालने से बाज नहीं आ रही है। नीतीश कुमार बीजेपी के इन सवालों को उनका राजनीतिक हित बता रहे हैं। क्योंकि अभी तक जो बीजेपी नीतीश के पक्ष में थी वह अब विपक्ष में है।
क्या बोले नीतीश कुमार-
बीते दिनों नीतीश कुमार ने एक बयान दिया कि जो लोग शराब पी रहे हैं। उसके सेवन से जिनकी मौत हो रही है। उन्हें हम कोई मुआवजा नहीं देंगे या यह कहें की उन्हें मुआवजा देने का सवाल ही नहीं उठता है। वही हमारे शराबबंदी कानून से राज्य की महिलाएं काफी खुश हैं। उन्हें इससे कोई समस्या नहीं है। क्योंकि आज इस कानून की वजह से राज्य में कलह कम हुई है।
जाने कब आया शराबबंदी कानून और क्या कहा था नरेन्द्र मोदी और सुशील मोदी ने-
बिहार राज्य में साल 2016 से शराबबंदी कानून लागू है. बिहार में शराब पीने से लेकर इसे ख़रीदने बेचने पर भी पाबंदी है। जब यह कानून नीतीश कुमार लेकर आए तो उस दौरान साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, नशा मुक्ति का जिस प्रकार से नीतीश कुमार ने अभियान चलाया है. आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए उन्होंने जो बीड़ा उठाया है, मैं उनका बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं बधाई देता हूं.”
वही साल 2022 में राज्यसभा से भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा, हमने साथ दिया है आज भी हम साथ हैं और शराबबंदी के पक्ष में हैं. लेकिन इस तरह की शराबबंदी जिसमें लाखों लोगों को जेल जाना पड़े और पूरा राज्य पुलिस राज्य में बदल जाए, उसकी समीक्षा तो मुख्यमंत्री जी को करनी चाहिए.”