राजनीति

जब आप है प्रतिद्वंद्वी तो क्यों डूबी कांग्रेस पर इतना फोकस करती है बीजेपी

राजनीति– कांग्रेस के लिए आज की सुबह काफी खास है। क्योंकि आज कांग्रेस ने अपने माथे से परिवारवाद और वंशवाद का ठप्पा हटा दिया है और अब कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खड़गे के कंधे पर आ गई है।

मल्लिकार्जुन खड़गे को बीजेपी गांधी परिवार के हाथों की कठपुतली बता रही है। लेकिन खड़गे ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए यह साफ किया है कि वह पार्टी के लिए जरूरी निर्णय अपने राजनैतिक अनुभव से लेंगे। 

उन्होंने कहा है कि वह गांधी परिवार का सम्मान करते हैं। वह जो भी निर्णय लेंगे उसमे गांधी परिवार की सलाह होगी। लेकिन उनके पास अपना अनुभव है। वह इस काबिल है कि वह पार्टी के लिए सही और गलत सुनिश्चित कर सके। 

लेकिन बीजेपी कांग्रेस के लिए राह का रोड़ा जरूर बनेगी। बीजेपी ने अपनी राजनैतिक गतिविधियों के माध्यम से कांग्रेस की लोकप्रियता को कम करने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन अब खड़गे के आने के बाद बीजेपी पुनः इस प्रयास में लग गई है कि वह कांग्रेस के आगे बढ़ते कदमो को रोके।

क्यों बीजेपी के निशाने पर कांग्रेस

बीजेपी के निशाने पर हमेशा कांग्रेस ही रही है। भले ही लोग आज यह कह रहे हैं कि अब कांग्रेस का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। आम आदमी पार्टी बीजेपी को सीधे तौर पर टक्कर दे रही है। बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस से नही अपितु आम आदमी पार्टी से है। 

लेकिन बीजेपी राजनीति के दाव पेज को समझ कर अपनी चाल चल रही है। बीजेपी के निशाने पर कांग्रेस का होना यह साफ करता है कि बीजेपी जानती है। राजनीति में कुछ भी स्पष्ट नही होता। यह भारत है और भारत के लोगों का मूड चिल्लाता नही है। वह चुप रहता है और राजनैतिक गतिविधियों में परिवर्तन का स्वांग रचता है। 

आम आदमी पार्टी बार बार अपनी ओर से यह दावा कर रही है कि वह बीजेपी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी बन गए हैं और उन्होंने कांग्रेस की जगह ले ली है। लेकिन कांग्रेस जो 165 साल पुरानी राजनैतिक पार्टी है उसकी जगह लेना आसान तो नहीं। बीजेपी यह अच्छे से जानती है कांग्रेस जमीन पर आ सकती है लेकिन उसकी जगह कोई नही ले सकता।

वही अगर बीजेपी ने कांग्रेस पर अपना फोकस छोड़ दिया और आम आदमी पार्टी को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मान लिया तो कांग्रेस उठकर खड़ी हो जाएगी और केंद्र में बड़ा परिवर्तन देंखने को मिलेगा।

केंद्र में किसकी धाक-

यदि हम केंद्र की बात करे तो केंद्र में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा किसी का परचम लहराते हुए नहीं दिखा है। हालाकि केजरीवाल लगातार पूरे भारत में अपने पैर पसारने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन केंद्र में लोग बीजेपी और कांग्रेस को ही मुख्य रूप से देखते है।

भारत के लोगो ने अभी तक केंद्र में इन दो पार्टियों के अलावा किसी को अपना विकल्प नही बनाया है। वही बीजेपी को यह बात पता है कि यदि वह कांग्रेस को छोड़ देती है तो कांग्रेस विकल्प के रूप में उभर आएगी और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव साल 2024 के चुनाव में दिखाई देने लगेगा।

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