UP Politics: मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri Bypoll) में अहम भूमिका निभाने वाले शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को यह कहा गया था कि जल्द ही उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की घोषणा कर दी है और शिवपाल को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव भी बनाया गया है पर रामगोपाल यादव प्रमुख महासचिव के पद पर बरकरार हैं।
वहीं एक समय था, जब पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बाद शिवपाल यादव पार्टी के सबसे बड़े नेता भी माने जाते थे। वहीं हालांकि, पार्टी में उनको जो नई जिम्मेदारी मिली है, उससे उनके समर्थक बिल्कुल भी खुश नहीं हैं। वहीं उनका मानना है कि शिवपाल को उन लोगों के बराबर जिम्मेदार मिली है, जो विधानसभा चुनाव के दौरान ही पार्टी में शामिल भी हुए थे।
बता दें शिवपाल को पहले ‘नेताजी का डिप्टी’ माना जाता था। पर पार्टी की कमान अखिलेश के हाथ में जाने के बाद शिवपाल ने अपनी अलग पार्टी भी बना ली थी। वहीं दोनों के बीच रिश्ते काफी लंबे समय से खराब चल रहे थे और कई बार वे सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे के खिलाफ नाराजगी भी जाहिर करते भी रहे हैं। इसके चलते शिवपाल ने अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी भी बना ली थी, पर मैनपुरी उपचुनाव के दौरान शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी में वापस भी लौट आए। इसके बाद ऐसा कहा जा रहा था कि उन्हें पार्टी में कोई बड़ा पद देने का आश्वासन भी दिया गया है पर 14 महासचिवों की लिस्ट में उनका नाम 5वें नंबर पर है।
इससे उनके समर्थक भी हैरान हैं। प्रगतिशील पार्टी से समाजवादी पार्टी में वापस लौटे एक नेता ने कहा कि पीएसपी (लोहिया) के कार्यकर्ताओं के लिए यह काफी चौंकाने वाली बात है कि वह केवल 14 महासचिवों में से एक हैं और उन्हें स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे दलबदलू नेताओं के स्तर पर ही रखा गया है।