राजनीति

गुजरात मे राहुल दिखे या न दिखे लेकिन बीजेपी को कांग्रेस दिखाई दे रही है

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गुजरात मे राहुल दिखे या न दिखे लेकिन बीजेपी को कांग्रेस दिखाई दे रही है

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राजनीति– गुजरात मे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ज्यादा प्रचार प्रसार नही कर रहे हैं। जहां अरविंद केजरीवाल बार बार गुजर का दौरा कर रहे हैं और गुजरात की सत्ताधारी सरकार पुनः सत्ता में वापसी के लिए हर सम्भव दांव पेज लगा रही है।

वही गुजरात कांग्रेस बिना कुछ किए ही गुजरात की जनता का दिल जीतने में सफल होती दिखाई दे रही है। आज भले ही अरविंद केजरीवाल यह दावा करते दिख रहे हैं कि गुजरात मे उन्होंने कांग्रेस की जगह खुद को स्थापित कर लिया है और अब बीजेपी को वह प्रत्यक्ष टक्कर दे रहे हैं। 

लेकिन वास्तविकता कुछ तो अलग कह रही है। यदि हम राजनैतिक विशेषज्ञ की माने तो गुजरात मे पिछली बार कांग्रेस बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में उभर कर आई थी। वही वर्षों से गुजरात में कांग्रेस ने संघर्ष किया है। गुजरात के लोग इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस के समर्थन में रहे हैं। लेकिन बीजेपी ने अपनी नीतियों से कांग्रेस को गुजरात मे धड़ाम किया है और 30 सालों से सत्ता में अपना परचम लहराया है।

लेकिन गुजरात मे आम आदमी पार्टी द्वारा खुद को कांग्रेस की जगह देखना कही न कही खुद पर आंख मूंद कर विश्वास करने जैसा है। क्योंकि गुजरात की जनता के मन मे गुजरात के लिए सिर्फ दो दल है पहला बीजेपी और दूसरा कांग्रेस। कांग्रेस को आदिवासी समाज और मुस्लिम समाज का भरपूर समर्थन प्राप्त है और यही गुजरात का वोट बैंक है।

आज राहुल गांधी भले ही गुजरात दौरे पर न हो लेकिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव गुजरात मे दिखाई दे रहा है। लोग राहुल को एक गम्भीर नेता के रूप में देख रहे हैं और जनता के बीच राहुल गांधी की एक छवि विकसित हो रही है।

शायद यही वह कारण है कि बीजेपी केजरीवाल के लाख कहने के बाद भी अपना फोकस कांग्रेस पर साधे हुए हैं और उसे अभी भी गुजरात मे अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी समझ रही है। बीजेपी को यह मालूम है कि कांग्रेस को कम आंकना उनके लिए बड़ी भूल बन सकता है और वह गुजरात से हाथ धो बैठ सकते हैं।