बिहार– बिहार में सत्ता परिवर्तन का बड़ा खेल देंखने को मिला। बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार चला रहे नीतीश कुमार ने अचानक से पलटी मार ली और तेजस्वी यादव के साथ मिलकर नई सरकार बनाई। इस नई सरकार में भी नीतीश कुमार को सीएम का पद मिला।
वही अब नीतीश विपक्ष को एकजुट करके प्रधानमंत्री पद को साधने की कवायद में लगे हुए हैं। हालाकि अभी तक नीतीश कुमार ने इस बात का दावा नही किया है कि वह विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे लेकिन जिस तरह से वह विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हैं उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि उन्हें कही न कही प्रधानमंत्री पद की लालसा तो है।
अभी हाल ही में दिल्ली पहुंच कर नीतीश कुमार ने सबसे पहले राहुल गांधी से मुलाकात की और साल 2024 में होने वाले चुनाव के परिपेक्ष्य में बात की। वही अब सोशल मीडिया पर नीतीश और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीरे खूब ट्रेड कर रही है। नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए अरविंद केजरीवाल ने उनका धन्यवाद किया और कहा, शुक्रिया नीतीश जी मेरे घर पधारने के लिये। आज देश से जुड़े कई गम्भीर विषयों पर चर्चा हुई।
हमारे बीच बात शिक्षा, स्वास्थ्य, ऑपरेशन लोटस, इन लोगों द्वारा खुले आम MLA की खरीद फरोख़्त करके जनता द्वारा चुनी सरकारों को गिराना, भाजपा सरकारों का बढ़ता निरंकुश भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी पर हुई।
नीतीश कुमार का यू लगातार विपक्ष के नेताओ से मुलाकात करना और सम्बोधन में भाजपा के लिए यह कहना कि इस बार बीजेपी 50 सींटो पर सिमट जाएगी। इससे स्प्ष्ट है कि नीतीश कोई बड़ा खेल खेलने की तैयारी कर रहे हैं और भाजपा की रणनीति पर इस बार साल 2024 के चुनाव के बड़ा प्रहार होगा।
नीतीश की राहुल से मुलाकात का सीधा मतलब प्रधानमंत्री पद से निकाला जा रहा है। लोगो का दावा है कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नही है अगर नीतीश के पीछे कांग्रेस का हाथ होता है तो नीतिश को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनने से कोई नही रोक सकता और यही एक मूल कारण है नीतीश का राहुल पर बेशुमार प्यार बरसाने का। क्योंकि जनता अब राहुल, प्रियंका और सोनिया को कांग्रेस के मुख्य चेहरे के रूप में नही देखना चाहती है।