बिहार– बिहार की राजनीति में आय दिन नया मोड़ देंखने को मिल रहा है। कभी नीतीश कुमार का विपक्ष को साधन तो कभी प्रधानमंत्री पद के लिए नीतीश का मोह सुर्खियों में आना सब अब आम सा हो गया है। यह बात अब जगजाहिर है की नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करके 2024 का चुनाव अपने खेमे में करना चाहते हैं।
वही अब सियासी गलियारों में यह बात हिचकोले लगा रही है कि नीतीश कुमार और रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक साथ आने वाले हैं। हालाकि यह दोनो यह दूसरे पर अभी तक कटाक करते नजर आए हैं। यह दोनो एक दूसरे को नीचे दिखाने का कोई मौका नही छोड़ रहे है। लेकिन इसी बीच अचानक से इनके साथ आने की खबर ने तब तूल पकड़ ली जब राज्यसभा के पूर्व सांसद पवन वर्मा ने पहले नीतीश कुमार और फिर प्रशांत किशोर से मुलाकात की।
पवन कुमार ने रिटायरमेंट के बाद जदयू ज्वाइन की थी और साल 2015 में इन्होंने प्रशांत किशोर को जदयू में लाने के लिए अहम योगदान दिया था। इसके बाद जब प्रशांत किशोर को पार्टी से बाहर किया गया तो पवन वर्मा को भी पार्टी से निकाल दिया गया था। इसके बाद पवन टीएमसी में शामिल हुए थे। अब उन्होंने टीएमसी भी छोड़ दी है। इसके बाद मंगलवार को उन्होंने पहले नीतीश कुमार से मुलाकात की और फिर प्रशांत किशोर से भी मिलने पहुंचे।
इस समय पवन किसी राजनीतिक दल से नही जुड़े है। लेकिन उनकी इच्छाएं जग जाहिर है। सभी जानते हैं वह इस समय राजनीति में अपने लिये नए विकल्प की तलाश कर रहे हैं। वही इस समय नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री है और पवन अपना दावा इसी परिपेक्ष्य से खेल रहे हैं। वह नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर को एक साथ लाकर अपने लिए नए राजनीतिक द्वार खोल रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि पवन ने नीतीश से जो बात की है उसकी जानकारी प्रशांत किशोर को दी है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि प्रशांत दो अक्तूबर से बिहार की यात्रा पर निकलने वाले हैं। तीन हजार किलोमीटर की इस यात्रा में बिहार के सभी जिलों को कवर करेंगे और सरकार के खिलाफ माहौल बनाएंगे। अब अगर पवन की पहल से नीतीश और प्रशांत एक साथ आये तो इससे पवन का राजनीतिक करियर चमक जाएगा और बिहार की सरकार को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी।