इतिहास– मुगलों का इतिहास कौन नही जानता। इन्होंने सिर्फ भारत पर राज नही किया अपितु भारत मे हिंदूओ के खिलाफ अत्याचार की सभी सीमाएं लांघ दी। कई मुगलों ने हिन्दू पुरुषों की नसबंदी करवा दी उनके रीति रिवाज पर प्रतिबंध लगाया। हिन्दू महिलाओं का अपहरण किया और हिंदूओ का खूब खुन बहाया।
लेकिन इन मुगलों के बीच अकबर की लोकप्रियता अलग ही रही। आरम्भ में अकबर ने काफी क्रूरता दिखाई लेकिन समय के साथ अकबर का व्यवहार एक दम परिवर्तित हो गया। हिन्दू धर्म मे अकबर की आस्था बढ़ने लगी। वह पूजा पाठ भी करता था। अकबर को दयालुता के रूप में जाना जाता था। इसने अपने शासन काल मे हिंदूओ व मुस्लिम की तीर्थ यात्राओं पर लगे जजिया कर को हटाया था। वही आज हम आपको बताने जा रहे हैं अकबर की गंगाजल से जुड़ी कहानी के बारे में…
अकबर का गंगाजल कनेक्शन-
गंगाजल हिन्दू धर्म में काफी महत्वपूर्ण है। हिन्दू इसे मां के रूप में देखते है। कहते हैं गंगा में स्नान मात्र से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। वही इसके सेवन से स्वर्ग प्राप्त होता है। वही अबुल फजल की किताब ‘आइन-ए-अकबरी’ में बताया गया है कि मुगल बादशाह अकबर को गंगाजल अत्यधिक प्रिय था। वह अपने सैनिकों से गंगाजल मंगवाया करता था।
अकबर इसे पवित्र मानता था। वह इसका प्रयोग पीने के लिए करता था। कहते हैं वह इसे सबसे शुद्ध जल मानता था और कहता था कि इसके सेवन से हमे बीमारियों से निजात मिलता है। लेखक राम नाथ ने अपनी किताब प्राइवेट लाइफ ऑफ मुगल्स में लिखा है कि अकबर कहीं भी होता था, लेकिन गंगाजल का ही इस्तेमाल करता था.
क्यों अकबर का विश्वास था गंगाजल-
मुगल बादशाह अकबर गंगाजल की खेप अपने साथ युद्ध मे भी ले जाते थे। क्योंकि यह कभी खराब नही होता था। गंगा जल की पवित्रता का वर्णन वह यही कहकर करता था कि यह पवित्र है क्योंकि इसमें खराब होने जैसा कुछ नहीं। इसको पीने से मन तृप्त होता है।
फ्रांसीसी इतिहासकार बर्नियर ने भी अपने यात्रा संस्मरण में लिखा है कि मुगल शासक औरंगजेब सफर में गंगाजल रखता था. सुबह के नाश्ते में भी वह इसी का इस्तेमाल करता था और उसके दरबारी भी गंगाजल का नियमित सेवन किया करते थे।