Swami Vivekananda Birth Anniversary: प्रत्येक वर्ष स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। साल 1984 में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा भारत सरकार द्वारा की गई थी और 1985 से पूरे भारत मे 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिन के अवसर पर इसे मनाया जाने लगा।
स्वामी विवेकानंद ने अपना सम्पूर्ण जीवन लोगों का मार्गदर्शन करनें और उन्हें सकारात्मक मार्ग पर चलने का उपदेश देने में व्यतीत किया। वह भारत के प्रथम मोटिवेशनल स्पीकर थे। उन्होंने युवाओं का सदैव मार्गदर्शन किया और वैश्विक स्तर पर भारत को एक अलग पहचान दिलाई।
इतिहास की माने तो स्वामी विवेकानंद बचपन से ही आध्यात्म में रुचि रखते थे। उनकी माता काफी धार्मिक थी। वह अपनी माता से काफी प्रभावित थे। जिसके चलते 25 वर्ष की आयु में उन्होंने मोह माया का त्याग कर दिया था। वह काफी हाजिर जवाबी थे। उनके तर्क से अच्छे अच्छे ज्ञाताओं की बोलती बंद हो जाती थी।
कई बार स्वामी जी को उनकी वेषभूषा के कारण लोगों से तर्क करना पड़ा। एक बार वह विदेश गए तो विदेशियों ने उनकी पगड़ी खींची। स्वामी जी रुके और अंग्रेजी में उससे पूंछने लगे आपने मेरी पगड़ी क्यों खींची है। वह उनकी अंग्रेजी सुनकर चौंक गया। बोला आपको अंग्रेजी आती है। क्या आप पढ़े लिखे हैं। स्वामी जी बोले मैं सभ्य हूँ।
विदेशी बोला। आपके वस्त्र देखकर नहीं लगता कि आप शिक्षित हैं। स्वामी जी ने कहा, आपके यहां पोशाक से व्यक्ति शिक्षित होता है लेकिन हमारे देश में व्यक्ति अपने ज्ञान से शिक्षित होता है।